Thursday, December 12, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. Debt burden: सरकार की कुल देनदारियां बढ़कर 133 लाख करोड़ के पार, कच्चे तेल ने बढ़ाया बोझ

Debt burden: सरकार की कुल देनदारियां बढ़कर 133 लाख करोड़ के पार, कच्चे तेल ने बढ़ाया बोझ

रिपोर्ट में कहा गया है कि चौथी तिमाही में कच्चे तेल की कीमतें भी ऊंचे स्तर पर रहीं। कच्चे तेल की कीमतों के उच्चस्तर ने घरेलू बाजार में 10-साल के सरकारी प्रतिभूति प्रतिफल को प्रभावित किया।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Jun 30, 2022 21:16 IST, Updated : Jun 30, 2022 21:16 IST
Debt Burden- India TV Paisa
Photo:FILE

Debt Burden

Highlights

  • दिसंबर, 2021 की तिमाही में 128.41 लाख करोड़ रुपये थी कुल देनादारियां
  • कच्चे तेल की बढ़ी कीमत ने 10-साल के सरकारी प्रतिभूति प्रतिफल को प्रभावित किया
  • आठ बुनियादी उद्योगों का उत्पादन मई, 2022 के दौरान 18.1 प्रतिशत बढ़ा

Debt burden: सरकार की कुल देनदारियां जनवरी-मार्च, 2022 की तिमाही में 3.74 प्रतिशत बढ़कर 133.22 लाख करोड़ रुपये हो गईं जो इससे पिछली दिसंबर, 2021 की तिमाही में 128.41 लाख करोड़ रुपये थीं। सार्वजनिक ऋण प्रबंधन पर ताजा रिपोर्ट के अनुसार,  ‘सार्वजनिक खाते’ के तहत देनदारियों समेत सरकार की कुल देनदारियां 31 मार्च, 2022 के अंत में बढ़कर 1,33,22,727 करोड़ रुपये हो गईं। एक साल पहले कुल देनदारियां 1,28,41,996 करोड़ रुपये थीं। वित्त मंत्रालय ने बृहस्पतिवार को जारी रिपोर्ट में कहा है कि मार्च, 2022 के अंत में सार्वजनिक ऋण कुल बकाया देनदारियों का 92.28 प्रतिशत था। दिसंबर, 2021 के अंत में यह अनुपात 91.60 प्रतिशत था। इसके साथ ही 

कच्चे तेल ने बढ़ाया बोझ 

रिपोर्ट में कहा गया है कि चौथी तिमाही में कच्चे तेल की कीमतें भी ऊंचे स्तर पर रहीं। कच्चे तेल की कीमतों के उच्चस्तर ने घरेलू बाजार में 10-साल के सरकारी प्रतिभूति प्रतिफल को प्रभावित किया। सरकार की प्रतिभूतियों के स्वामित्व के संदर्भ में कहा गया है कि मार्च तिमाही के अंत में वाणिज्यिक बैंकों की हिस्सेदारी 37.75 प्रतिशत थी जो दिसंबर, 2021 के अंत में 35.40 प्रतिशत थी। मार्च के अंत में बीमा कंपनियों और भविष्य निधि की हिस्सेदारी क्रमश: 25.89 प्रतिशत और 4.60 प्रतिशत थी। वहीं म्यूचुअल फंड की हिस्सेदारी 2.91 प्रतिशत थी जबकि आरबीआई की हिस्सेदारी 16.62 प्रतिशत रही। 

राहत: बुनियादी उद्योगों का उत्पादन 18.1% बढ़ा 

आठ बुनियादी उद्योगों का उत्पादन मई, 2022 के दौरान एक साल पहले के समान महीने की तुलना में 18.1 प्रतिशत बढ़ा है। बृहस्पतिवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों से यह जानकारी मिली है। अप्रैल, 2022 में कोयला, कच्चा तेल, प्राकृतिक गैस, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, इस्पात, सीमेंट और बिजली जैसे आठ बुनियादी क्षेत्रों के उत्पादन में 9.3 प्रतिशत की वृद्धि हुई थी। आंकड़ों के अनुसार, कोयला, कच्चा तेल, रिफाइनरी उत्पाद, उर्वरक, सीमेंट और बिजली का उत्पादन मई में क्रमश: 25.1 प्रतिशत, 4.6 प्रतिशत, 16.7 प्रतिशत, 22.8 प्रतिशत, 26.3 प्रतिशत और 22 प्रतिशत बढ़ा है। इसके अलावा प्राकृतिक गैस और इस्पात उत्पादन की वृद्धि दर मई में घटकर क्रमश: सात और 15 प्रतिशत रह गई। मई, 2021 में प्राकृतिक गैस का उत्पादन 20.1 प्रतिशत और इस्पात का उत्पादन 55.2 प्रतिशत बढ़ा था। 

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement