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IBBI ने दिवालिया कंपनियों को दी बड़ी राहत, एसेट को हिस्से में बेचने की मिली अनुमति

IBBI: आईबीबीआई ने ‘‘समाधान की प्रक्रिया में कीमत को अधिकतम करने के लिए’’ नियमों में संशोधन किया है और ये 16 सितंबर से लागू हुए हैं।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Sep 19, 2022 17:32 IST, Updated : Sep 19, 2022 17:32 IST
IBBI- India TV Paisa
Photo:FILE IBBI

IBBI: भारतीय दिवाला और ऋणशोधन अक्षमता बोर्ड (आईबीबीआई) ने दबाव वाली कंपनियों के लिए बाजार से जुड़े बेहतर समाधान मुहैया कराने के लिए अपने नियमों में संशोधन किया है। इन संशोधनों के बाद अब दिवाला समाधान प्रक्रिया के तहत आई किसी इकाई की एक या अधिक संपत्तियों की बिक्री की अनुमति मिल सकेगी। यानी कंपनियां अपने एसेट को एक साथ की जगह पर हिस्सों में बेच सकेंगी। इससे उन्हें बेहतर वैल्यू मिल पाएगा। इसके अलावा ऋणदाताओं की समिति (सीओसी) अब इस बात की जांच कर सकती है कि परिसमापन अवधि के दौरान कॉरपोरेट देनदार के साथ किसी समझौते या निपटान की संभावनाएं तलाशी जा सकती हैं या नहीं।

नए 16 सितंबर से लागू हुए

आईबीबीआई ने ‘‘समाधान की प्रक्रिया में कीमत को अधिकतम करने के लिए’’ नियमों में संशोधन किया है और ये 16 सितंबर से लागू हुए हैं। इस साल जून के अंत तक कम से कम 1,703 कॉरपोरेट दिवाला समाधान प्रक्रियाएं (सीआईआरपी) परिसमापन में पूरी हो चुकी हैं। ऐसे मामलों में जहां पूरे व्यवसाय के लिए कोई समाधान योजना नहीं है, नियामक ने कॉरपोरेट देनदार की एक या अधिक संपत्तियों को बेचने की संभावनाएं तलाशने की अनुमति दी है। आईबीसी दबाव वाली संपत्तियों के बाजार से जुड़े और समयबद्ध समाधान का प्रावधान करती है।

दावों की तलाश करनी होगी

सिरिल अमरचंद मंगलदास के भागीदार गौरव गुप्ते ने कहा कि संशोधन से दिवाला समाधान के लिए बेहतर बाजार आधारित समाधान को बढ़ावा मिलेगा। उन्होंने कहा, ‘‘संशोधन यह सुनिश्चित करेगा कि दिवाला कंपनी और उसकी संपत्ति के बारे में बेहतर जानकारी संभावित समाधान आवेदकों सहित बाजार को समय पर उपलब्ध हो।’’ उन्होंने कहा कि समाधान पेशेवर को संबंधित कंपनी के ज्ञात (बहीखातों के आधार पर) लेनदारों से सक्रिय रूप से दावों की तलाश करनी होगी, ताकि कर्ज के बारे में एक स्पष्ट तस्वीर उपलब्ध हो सके।

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