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रियल एस्टेट सेक्टर में संस्थागत निवेश सिंतबर तिमाही में 45% बढ़ा, प्रीमियम घरों और ऑफिस पर है फोकस

हाउसिंग सेक्टर में कोविड महामारी के बाद मांग में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। इसमें निवेश में 40 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो 27.46 करोड़ डॉलर से बढ़कर 38.48 करोड़ डॉलर हो गया।

Edited By: Pawan Jayaswal
Published : Oct 02, 2024 12:12 IST, Updated : Oct 02, 2024 12:12 IST
रियल एस्टेट सेक्टर- India TV Paisa
Photo:FILE रियल एस्टेट सेक्टर

जुलाई-सितंबर तिमाही में रियल एस्टेट सेक्टर में संस्थागत निवेश 45 प्रतिशत बढ़कर लगभग 1.15 अरब डॉलर हो गया है। रियल एस्टेट सलाहकार कंपनी कोलियर्स इंडिया द्वारा हाल ही में जारी आंकड़ों के अनुसार, निवेशक प्रीमियम घरों और कार्यालयों की मजबूत मांग को भुनाने की कोशिश कर रहे हैं। आंकड़ों के अनुसार, जुलाई-सितंबर के दौरान रियल एस्टेट में संस्थागत निवेश 114.87 करोड़ डॉलर रहा। जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 79.34 करोड़ डॉलर था। कंपनी ने बताया कि कुल रियल एस्टेट बाजार में विभिन्न एसेट क्लास में से ऑफिस सेगमेंट ने इस साल की तीसरी तिमाही के दौरान 61.63 करोड़ डॉलर का कारोबार आकर्षित किया, जो कि एक वर्ष पूर्व की समान तिमाही के 7.91 करोड़ डॉलर से सात गुना अधिक है।

कोविड के बाद खूब बढ़ी मांग

हाउसिंग सेक्टर में कोविड महामारी के बाद मांग में उल्लेखनीय वृद्धि देखी गई है। इसमें निवेश में 40 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई, जो 27.46 करोड़ डॉलर से बढ़कर 38.48 करोड़ डॉलर हो गया। वहीं, औद्योगिक और भंडारण क्षेत्र में फंड प्रवाह में 72 प्रतिशत की गिरावट देखी गई। यह पिछले साल की सितंबर तिमाही के 34.03 करोड़ डॉलर से घटकर इस साल समान तिमाही में 9.52 करोड़ डॉलर रह गया। मिश्रित उपयोग परियोजनाओं में निवेश 2.72 करोड़ डॉलर से लगभग दोगुना होकर 5.24 करोड़ डॉलर हो गया।

50 करोड़ डॉलर का घरेलू निवेश

वैकल्पिक परिसंपत्तियों को जुलाई-सितंबर तिमाही में कोई फंडिंग प्राप्त नहीं हुई, जबकि एक वर्ष पूर्व इसी अवधि में 7.22 करोड़ डॉलर की फंडिंग प्राप्त हुई थी। इस श्रेणी में डेटा सेंटर, जीवन विज्ञान, अवकाश गृह, छात्रावास और स्कूल आदि आते हैं। कोलियर्स ने कहा कि कुल मिलाकर घरेलू निवेश 50 करोड़ डॉलर पर मजबूत रहा, जो जुलाई-सितंबर तिमाही के दौरान कुल प्रवाह का 44 प्रतिशत है। कोलियर्स इंडिया के प्रबंध निदेशक (पूंजी बाजार एवं निवेश सेवा) पियूष गुप्ता ने कहा, “भारतीय रियल्टी में संस्थागत प्रवाह निरंतर बना हुआ है, जो निवेशकों के निरंतर विश्वास को दर्शाता है। निवेशक वैश्विक और घरेलू पूंजी के बीच अच्छी तरह से विविधतापूर्ण हैं। जबकि कार्यालय परिसंपत्तियों पर मुख्य ध्यान दिया गया है, औद्योगिक और भंडारण और आवासीय क्षेत्रों में महत्वपूर्ण गति प्राप्त हो रही है।”

(भाषा)

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