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नायरा एनर्जी ने माइक्रोसॉफ्ट के खिलाफ दर्ज किया मुकदमा, जानें क्या है पूरा मामला

नायरा एनर्जी ने कहा कि उसने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर अपने अधिकारों की रक्षा और आवश्यक डिजिटल इंफ्रा तक लगातार पहुंच सुनिश्चित करने के लिए अंतरिम राहत देने और सेवाएं फिर से शुरू करने की मांग की है।

Edited By: Sunil Chaurasia
Published : Jul 28, 2025 11:56 pm IST, Updated : Jul 28, 2025 11:56 pm IST
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Photo:NAYARA ENERGY नायरा एनर्जी लिमिटेड में रोसनेफ्ट की है 49.13 प्रतिशत हिस्सेदारी

माइक्रोसॉफ्ट कॉर्पोरेशन ने यूरोपीय संघ द्वारा लगाए गए प्रतिबंधों के बाद रूस की पेट्रोलियम कंपनी रोसनेफ्ट समर्थित नायरा एनर्जी को सेवाएं देना बंद कर दिया है। इस पर भारतीय रिफाइनरी नायरा एनर्जी ने दिल्ली उच्च न्यायालय में माइक्रोसॉफ्ट के खिलाफ मुकदमा किया है। कंपनी ने बयान में कहा, ‘‘नायरा एनर्जी ने महत्वपूर्ण सेवाओं के अचानक और एकतरफा निलंबन के बाद माइक्रोसॉफ्ट के खिलाफ कानूनी कार्यवाही शुरू कर दी है। माइक्रोसॉफ्ट नायरा एनर्जी की अपने डेटा, मालिकाना उपकरणों और उत्पादों तक पहुंच को रोक रही है, जबकि ये पूरी तरह से भुगतान किए गए लाइसेंस के तहत हासिल किए गए हैं।’’ 

नायरा एनर्जी लिमिटेड में रोसनेफ्ट की है 49.13 प्रतिशत हिस्सेदारी

यूरोपीय संघ ने इस महीने की शुरुआत में यूक्रेन के साथ युद्ध को लेकर रूस के खिलाफ नए उपायों के तहत नायरा पर प्रतिबंध लगाए थे। नायरा एनर्जी लिमिटेड में रोसनेफ्ट की 49.13 प्रतिशत हिस्सेदारी है, जिसे पहले एस्सार ऑयल लिमिटेड के नाम से जाना जाता था। नायरा गुजरात के वडिनार में दो करोड़ टन सालाना क्षमता वाली एक तेल रिफाइनरी और 6750 से ज्यादा पेट्रोल पंप का संचालन करती है। नायरा ने कहा, ‘‘माइक्रोसॉफ्ट का ये फैसला यूरोपीय संघ (ईयू) के प्रतिबंधों की एकतरफा व्याख्या पर आधारित है और कॉरपोरेट अतिक्रमण के लिए एक खतरनाक मिसाल कायम करता है। भारत के एनर्जी इकोसिस्टम पर इसके प्रभावों को लेकर गंभीर चिंताएं भी पैदा होती हैं।’’ 

कंपनी ने अंतरिम राहत देने की उठाई मांग

नायरा एनर्जी ने कहा कि उसने दिल्ली उच्च न्यायालय में एक याचिका दायर कर अपने अधिकारों की रक्षा और आवश्यक डिजिटल इंफ्रा तक लगातार पहुंच सुनिश्चित करने के लिए अंतरिम राहत देने और सेवाएं फिर से शुरू करने की मांग की है। कंपनी ने आगे कहा, ''इन कदमों का उद्देश्य भारतीय उपभोक्ताओं और हितधारकों के प्रति अपने दायित्वों को पूरा करने की नायरा की क्षमता में किसी भी संभावित व्यवधान को रोकना है।'' 

अमेरिकी या भारतीय कानून के तहत कोई बाध्यता नहीं

कंपनी ने आगे कहा कि हालांकि ये प्रतिबंध विशेष रूप से यूरोपीय संघ की ओर से हैं, लेकिन अमेरिकी कंपनी माइक्रोसॉफ्ट ने नायरा एनर्जी से सेवाएं वापस लेने का फैसला किया है, जबकि ऐसा करने के लिए अमेरिकी या भारतीय कानून के तहत कोई बाध्यता नहीं है। कंपनी ने कहा कि ये कार्रवाई बिना किसी पूर्व सूचना के अनुपालन की आड़ में एकतरफा रूप से की गई है। बयान में कहा गया, ‘‘नयारा एनर्जी के सामने मौजूद इन बाहरी चुनौतियों के बावजूद, हम भारत की ऊर्जा मांगों को निर्बाध रूप से पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं।’’

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