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बिल्डर के खिलाफ रेरा में ​​सुनवाई की तारीख अब फोन पर मिलेगी, बस होम बायर्स को करना होगा ये काम

अगर कोई आवंटी शिकायत दर्ज कराने के लिए किसी विशेषज्ञ की सहायता लेता है तो उसका मोबाइल एवं ईमेल भी देना होगा। शिकायतकर्ता के पास प्रीव्यू एवं एडिटिंग का विकल्प मिलेगा। इसका उपयोग फीस जमा करके शिकायत जमा करने से पूर्व ही कर सकेंगे।

Edited By: Alok Kumar @alocksone
Published : Jan 13, 2024 22:49 IST, Updated : Jan 13, 2024 22:49 IST
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Photo:FILE बिल्डर

बिल्डर के खिलाफ रेरा में ​​सुनवाई की तारीख अब होम बायर्स के फोन पर मिलेगी। आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश रेरा ने बायर्स एवं बिल्डर की शिकायतों की फाइलिंग, स्क्रूटिनी, तिथियों के निर्धारण एवं कॉन्सिलिएशन फोरम को लेकर संशोधित एसओपी (स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर) जारी किया है। इसके जरिए शिकायत दर्ज करने की प्रक्रिया और सरल बनाई गई है। 

उत्तर प्रदेश रेरा में बायर्स एवं बिल्डर्स की शिकायत दर्ज कराने के लिए ई-कोर्ट की व्यवस्था है। ये सेवा 15 जनवरी से रेरा की वेबसाइट पर होगी। रेरा की नई एसओपी के अनुसार, कोई भी आवंटी रेरा के वेब पोर्टल पर जाकर कंप्लेंट सेक्शन में अपनी प्रोफाइल बनाएगा। इसमें समस्त विवरण के साथ ई-मेल आईडी तथा मोबाइल नंबर देना होगा। इसी ईमेल एवं मोबाइल नंबर पर सुनवाई की तिथियों की जानकारी मिलेगी।

मोबाइल एवं ईमेल देना होगा

अगर कोई आवंटी शिकायत दर्ज कराने के लिए किसी विशेषज्ञ की सहायता लेता है तो उसका मोबाइल एवं ईमेल भी देना होगा। शिकायतकर्ता के पास प्रीव्यू एवं एडिटिंग का विकल्प मिलेगा। इसका उपयोग फीस जमा करके शिकायत जमा करने से पूर्व ही कर सकेंगे। शिकायतकर्ता को इसके लिए एक हजार रुपए का शुल्क जमा करना होगा। रेरा ने हर शिकायतकर्ता का डैश बोर्ड बनाया गया है। जिस पर उपलब्ध विकल्प का चयन करके शिकायतकर्ता रेरा या एडज्यूडिकेटिंग ऑफिसर के समक्ष या कॉन्सिलिएशन के लिए शिकायत फाइल कर सकता है।

लाखों लोगों को मिलेगी राहत 

अगर आवंटी कॉन्सिलिएशन का विकल्प नहीं चुनता है तो शिकायत की फाइलिंग में उसे लम्बित या निर्णीत शिकायत व प्रमोटर के एनसीएलटी का कोई आदेश होने के संबंध में जानकारी देनी होगी। ऐसे व्यक्ति से मिली जानकारी के अनुसार ही शिकायत की फाइलिंग सहित अन्य विकल्प उपलब्ध होंगे। शिकायतकर्ता का शिकायत के साथ समस्त दस्तावेज और साक्ष्य, जैसे कि आवंटन-पत्र, विक्रय अनुबन्ध (बीबीए), भुगतान संबंधी रसीद की प्रतियां पीडीएफ में संलग्न करना अनिवार्य है। ऐसा इसलिए आवश्यक है कि शिकायत शीघ्र सूचीबद्ध हो सके और शीघ्र निपटारा हो सके।

इनपुट: आईएएनएस

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