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पाकिस्तान की 'घनघोर बेइज्जती', कच्चे तेल पर 40% का डिस्काउंट मांगने पर रूस ने दिया ये जवाब

पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में रूस से कच्चा तेल खरीदने के लिए अपने रूसी समकक्षों के साथ बातचीत की है। जिसमें पाकिस्तान ने कच्चे तेल पर 40 प्रतिशत की छूट मांगी है।

Written By: Sachin Chaturvedi @sachinbakul
Published : Dec 01, 2022 18:14 IST, Updated : Dec 01, 2022 18:14 IST
pakistan Prime Minister Shahbaz Sharif- India TV Paisa
Photo:AP pakistan Prime Minister Shahbaz Sharif

आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान की वैश्विक मोर्चे पर बेइज्जती होना कोई नई बात नहीं है। अब इसमें एक और नई कड़ी जुड़ गई है। दरअसल तेल संकट का सामना कर रहे पाकिस्तान रूस से कच्चा तेल खरीदना चाह रहा है। अंतरराष्ट्रीय स्तर पर रूस पर बढ़ रहे दबाव का फायदा उठाने की नियत से पाकिस्तान ने इस सौदे में रूस से कच्चे तेल पर 30 से 40 प्रतिशत की छूट की मांग कर डाली। लेकिन पाकिस्तान को उल्टे मुंह लौटाते हुए रूस ने डिस्काउंट देने से मना कर पाकिस्तान के प्रस्ताव को ठुकरा दिया है। 

पाकिस्तानी प्रतिनिधिमंडल ने हाल ही में रूस से कच्चा तेल खरीदने के लिए अपने रूसी समकक्षों के साथ बातचीत की है। जिसमें पाकिस्तान ने कच्चे तेल पर 40 प्रतिशत की छूट मांगी है। लेकिन मॉस्को ने इस मांग को खारिज कर दिया और कहा कि वह अभी कुछ भी पेश नहीं कर सकता क्योंकि तेल को लेकर पहले ही प्रतिबद्धताएं पूरी कर ली गई हैं। 

द न्यूज की रिपोर्ट के अनुसार, प्रतिनिधिमंडल - जिसमें पेट्रोलियम राज्य मंत्री मुसादिक मलिक, सचिव पेट्रोलियम कैप्टन (सेवानिवृत्त) मुहम्मद महमूद, संयुक्त सचिव और मॉस्को में पाकिस्तानी दूतावास के अधिकारी शामिल थे, ने बुधवार को मास्को में बातचीत के दौरान छूट मांगी। अखबार ने अपने सूत्रों के हवाले से कहा कि वार्ता बिना किसी निष्कर्ष के समाप्त हो गई।

भारत और चीन को रूस देगा तरजीह

अखबार ने कहा कि रूस उपयुक्त समय पर चीन और भारत जैसे अपने बड़े ग्राहक देशों, जो विश्वसनीय और मजबूत अर्थव्यवस्था वाले हैं, को उस दर पर कच्चे तेल की पेशकश कर सकता है। पिछले कुछ महीनों में, पारंपरिक विक्रेताओं सऊदी अरब और इराक को पीछे छोड़ते हुए रूस अक्टूबर में भारत का शीर्ष तेल आपूर्तिकर्ता बन गया है। वहीं चीन भी रूसी तेल और गैस के सबसे बड़े ग्राहकों में से एक है। एक साल पहले की तुलना में अक्टूबर में इसकी खरीदारी दोगुने से अधिक बढ़कर 10.2 बिलियन अमरीकी डॉलर हो गई, क्योंकि चीनी आयातकों ने मॉस्को द्वारा दी गई छूट का लाभ उठाया।सूत्रों ने कहा कि अभी सभी वॉल्यूम बड़े खरीदारों के साथ प्रतिबद्ध हैं।  

अमेरिका ने नहीं लगाई रोक

अमेरिका ने यह स्पष्ट कर दिया है कि उसे पाकिस्तान द्वारा रूसी कच्चे तेल का आयात करने पर कोई आपत्ति नहीं है, यह कहते हुए कि वाशिंगटन ने वर्तमान में अन्य देशों को रूसी ऊर्जा निर्यात के खिलाफ प्रतिबंध नहीं लगाया है। अखबार ने अमेरिकी विदेश विभाग के एक अधिकारी के हवाले से कहा, "हम उस दबाव को समझते हैं जिसका सामना सरकारें सस्ती ईंधन आपूर्ति के लिए कर रही हैं।"

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