नई दिल्ली। पड़ोसी देश पाकिस्तान की कंगाली किसी से छिपी नहीं है। देश की बैलेंस शीट बेहद खराह है। विदेशी मुद्रा भंडार लगभग खाली है। देश का निर्यात न के बराबर है। उस पर आतंकी फंडिंग के चलते सरकार पर लगातार आईएमएफ की फंडिंग से हाथ धोने का खतरा बना हुआ है। इस बीच पाकिस्तान के पीएम इमरान खान एक खास स्कीम लेकर आए हैं।
इमरान खान की इस स्कीम के तहत वे देश के लोगों से अपने घर में रखा सोना मांग रहे हैं। इसके तहत उन्होंने गोल्ड को बैंकों में जमा कराने की स्कीम शुरू की है। पाकिस्तान की सरकार घरों में जमा पैसे को बैंकों में जमा कर इसे विदेशी मुद्रा भंडार का हिस्सा बनाना चाहती है। चूंकि किसी भी देश की अर्थव्यवस्था में सोने का बहुत ही अहम रोल होता है। ऐसे में सरकार लोगों के घर में रखे सोने के दम पर अपनी इकोनॉमी चमकाना चाहती है।
पाकिस्तान सरकार देश की आवाम से सोना जमा करने का आग्रह करते हुए एक खास स्कीम लाने की तैयारी कर रहा है। इसकी वजह ये है कि पाकिस्तान का विदेशी मुद्रा भंडार खाली होने के कगार पर है और पाक पीएम इमरान खान इसे बढ़ाने की कोशिशें कर रहे हैं।
सोना है बहुत जरूरी
किसी भी देश की क्रेडिट रेटिंग उस देश के विदेशी मुद्रा भंडार का बहुत महत्व होता है। यह विदेशी मुद्रा भंडार डॉलर पाउंड और यूरो जैसी मजबूत करेंसी के अलावा गोल्ड को मिलाकर तैयार होता है। यही कारण है कि किसी भी देश की बैलेंस शीट में विदेशी मुद्रा भंडार एक अहम असेट होता है, जो देश की तमाम जिम्मेदारियां कम करने में मदद करता है। 11 फरवरी तक के आंकड़ों के अनुसार स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के पास 17 अरब डॉलर का सोने का भंडार मौजूद है
क्या है इमरान की स्कीम ?
इमरान खान एक ऐसी योजना लाने पर विचार कर रहे हैं, जिसके तहत जनता का सोना जमा करवाया जा सके और उसे विदेशी मुद्रा भंडार में दिखाया जा सके। इस पर इकनॉमिक एग्जिक्युटिव काउंसिल की बैठक में चर्चा भी हुई है। इस बैठक में पाकिस्तान के वित्त मंत्री और स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान (एसबीपी) के गवर्नर भी शामिल थे। पिछले तीन महीनों में पाकिस्तान सरकार सऊदी से 3 अरब डॉलर का कर्ज ले चुका है। मोटर -वे गिरवी रखकर भी पाकिस्तान ने इतिहास का सबसे महंगा 1 अरब डॉलर का कर्ज उठाया है। आईएमएफ से भी पाकिस्तान ने 1 अरब डॉलर का कर्ज लिया है।