नई दिल्ली। भारतीय शेयर बाजार की चाल इस सप्ताह जारी होने वाले आर्थिक आंकड़ों, कंपनियों की पहली तिमाही के नतीजों और अंतर्राष्ट्रीय बाजारों से मिलने वाले संकेतों से तय होगी। इसके अलावा, मानसून की प्रगति, डॉलर के मुकाबले रुपये की चाल और अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों पर भी बाजार की नजर होगी। पिछले हफ्ते कमजोर शुरुआत के बावजूद सकारात्मक आर्थिक आंकड़ों से भारतीय शेयर बाजार में तेजी लौटी, मगर अमेरिका और चीन के बीच बढ़ते व्यापारिक तनाव से शेयर बाजार दबाव में दिखा। यह दबाव आगे भी बना रह सकता है। हालांकि, औद्योगिक उत्पादन (IIP) के आंकड़ों और मानसून की प्रगति की रिपोर्ट सकारात्मक रहने से बाजार में तेजी आने की संभावना है।
अंतरराष्ट्रीय बाजारों से मिलने वाले संकेतों, विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (FPI) और घरेलू संस्थागत निवेशकों (DII) के निवेश से बाजार पर असर देखने को मिलेगा। पिछले कुछ सप्ताह से रुपए में डॉलर के मुकाबले लगातार कमजोरी देखी जा रही है।
इंडसइंड बैंक और टीसीएस द्वारा पहली तिमाही में अपने नतीजे 10 जुलाई को जारी किए जा सकते हैं। इसके अलावा, इंफोसिस के नतीजे 13 जुलाई को आने की संभावना है।
भारत सरकार 12 जुलाई को मई महीने के लिए औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े जारी करेगी। अप्रैल में औद्योगिक उत्पादन में 4.9 फीसदी की वृद्धि दर्ज की गई थी, जबकि उससे पूर्व महीने में औद्योगिक उत्पाद में 4.6 फीसदी की वृद्धि ह़ुई थी।
मौसम विभाग की पिछले हफ्ते की रिपोर्ट के अनुसार देश में एक से चार जुलाई के दौरान बारिश में औसत सात फीसदी की कमी दर्ज की गई।
अमेरिका ने चीनी वस्तुओं पर 34 अरब डॉलर का शुल्क लगा दिया है। चीन ने भी जवाबी कार्रवाई की है। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने 16 अरब डॉलर का अतिरिक्त शुल्क अगले दो हफ्ते में लगाने की बात कही है। जापान में मई महीने औद्योगिक उत्पादन के आंकड़े 13 जुलाई को जारी होंगे। चीन में 10 जुलाई को महंगाई के आंकड़े जारी होंगे। अमेरिका में भी महंगाई के आंकड़े 12 जुलाई को जारी होंगे।