वेतन वृद्धि की योजना चरणबद्ध तरीके से बनाई गई है, जिसका दूसरा चरण अप्रैल 2025 में शुरू होगा। वित्तीय वर्ष 2025 में टीसीएस को छोड़कर ज्यादातर आईटी कंपनियों ने सैलरी में बढ़ोतरी साइकल में देरी की।
रिलायंस इंडस्ट्रीज ₹17.5 लाख करोड़ की वैल्यू के साथ भारत की टॉप 10 सबसे वैल्यूएबल कंपनियों की लिस्ट में पहले स्थान पर है। जबकि भारत की सबसे बड़ी आईटी कंपनी टीसीएस 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी और ₹16.1 लाख करोड़ की वैल्यू के साथ दूसरे स्थान पर है। एचडीएफसी बैंक ₹14.2 लाख करोड़ की वैल्यू के साथ तीसरे स्थान पर है।
Infosys lays off : इन्फोसिस ने कई नए कर्मचारियों को जॉब से निकाल दिया है। ये कर्मचारी तीन प्रयासों के बाद भी इंटरनल टेस्ट में पास नहीं हो पाए थे।
बाजार पूंजीकरण के लिहाज से रिलायंस इंडस्ट्रीज देश की सबसे मूल्यवान कंपनी बनी हुई है। इसके बाद टीसीएस, एचडीएफसी बैंक, भारती एयरटेल, आईसीआईसीआई बैंक, इंफोसिस, भारतीय स्टेट बैंक, हिंदुस्तान यूनिलीवर, आईटीसी और एलआईसी का स्थान रहा।
मूर्ति ने कहा, ‘‘यदि मैं कड़ी मेहनत करूंगा, यदि मैं समझदारी से काम करूंगा, यदि मैं अधिक राजस्व अर्जित करूंगा, यदि मैं अधिक कर चुकाऊंगा, तो वह बच्चा बेहतर स्थिति में होगा।’’
आईटी पेशेवरों के लिए अच्छी खबर है। वैश्विक हालात सुधरने और इकोनॉमी में बेहतर मांग संभावना से आईटी सेक्टर की रफ्तार तेज हुई है। इससे आने वोल दिनों में इस सेक्टर में बंपर नौकरी के मौके मिलेंगे।
मामले की जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में प्रदर्शन आधारित बोनस औसतन करीब 90 प्रतिशत है, जबकि पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में कंपनी ने अपने कर्मचारियों को 80 प्रतिशत बोनस दिया था।
इंफोसिस ने शेयर बाजार एक्सचेंजों को सूचना देते हुए 17 अक्टूबर को डिविडेंड देने का ऐलान किया था। शेयर बाजार में जारी गिरावट के बीच गुरुवार को इंफोसिस के शेयरों में गिरावट देखने को मिल थी।
चालू वित्त वर्ष की दूसरी तिमाही में इंफोसिस का ऑपरेशनल रेवेन्यू भी सालाना आधार पर 5% बढ़कर 40,986 करोड़ रुपये हो गया। इसके अलावा, कंपनी ने अपने वित्त वर्ष 2025 के रेवेन्यू गाइडेंस को संशोधित कर 3.75% से 4.5% कर दिया है।
लिस्ट में फाइनेंशियल सर्विसेज से जुड़े ब्रांड का दबदबा है। इसमें कुल 17 ब्रांड ने ओवरऑल ब्रांड वैल्यू रैंकिंग में 28 प्रतिशत का योगदान दिया है। एचएफडीसी बैंक 38.3 अरब डॉलर की वैल्यूएशन के साथ दूसरे स्थान पर है।
एलआईसी के ग्राहकों, एजेंटों और कर्मचारियों के लिए बेहतर जुड़ाव और डेटा आधारित पर्सनलाइजेशन एक्सपीरियंस देने पर ध्यान केंद्रित किया जाएगा। एलआईसी ने बैंकिंग, वित्तीय और बीमा क्षेत्रों में कंपनी की गहन विशेषज्ञता और अनुभव के आधार पर चुना।
इन्फोसिस वित्त वर्ष 2025 में 15,000 से 20,000 फ्रेशर्स को नियुक्त करने की योजना बना रही है। इससे पहले वित्त वर्ष 2024 में 11,900 फ्रेशर्स को नियुक्त किया गया था, जबकि पिछले वर्ष 50,000 से अधिक फ्रेशर्स को नियुक्त किया गया था।
भारत की दूसरी सबसे बड़ी आईटी कंपनी इंफोसिस के सीईओ का मानना है कि समय के साथ जनरेटिव एआई को अपनाने की प्रक्रिया में बढ़ोतरी होगी क्योंकि बिजनेस को इससे होने वाले लाभ और कमर्शियल रिजल्ट मिलेंगे।
पारेख ने कहा कि जेनरेटिव यानी सृजन से जुड़े कृत्रिम मेधा (AI) में ग्राहकों की गहरी दिलचस्पी है और कंपनी में भी इनकी भारी मांग है। उन्होंने यह भी कहा कि उन्हें इन नए जमाने की तकनीकों के कारण अपनी कंपनी में किसी छंटनी की आशंका नहीं है।
कॉग्निजेंट की पेशकशों में ट्राइजेटो के फेसेट्स और क्यूएनएक्सटी शामिल हैं। इनका उपयोग स्वास्थ्य बीमा कंपनियां कार्यों को स्वचालित करने के लिए करती हैं। न्यू जर्सी के टीनेक में स्थित कॉग्निजेंट के अधिकांश कर्मचारी भारत में हैं।
जीएसटी डिपार्टमेंट द्वारा 32,403 करोड़ रुपये का नोटिस भेजे जाने के मामले में नैसकॉम अब इंफोसिस के समर्थन में उतर गया है। नैसकॉम ने जीएसटी डिपार्टमेंट की समझ पर सवाल खड़े किए हैं।
कर्नाटक राज्य जीएसटी अधिकारियों ने इन्फोसिस लिमिटेड के विदेशी शाखा कार्यालयों द्वारा किए गए खर्चों के लिए जुलाई 2017 से मार्च 2022 की अवधि के लिए यह नोटिस दिया है।
इंफोसिस के सीएफओ जयेश संघराजका ने कहा कि पिछली कई तिमाहियों में हम चुस्त भर्ती आधार पर आगे बढ़े हैं। हम कैंपस के अंदर और बाहर से फ्रेशर्स को नियुक्त करते हैं।
आईटीसी की बाजार हैसियत 10,924.13 करोड़ रुपये बढ़कर 5,41,399.95 करोड़ रुपये हो गई। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) का मूल्यांकन 9,995.57 करोड़ रुपये बढ़कर 7,67,561.25 करोड़ रुपये रहा।
मूर्ति ने कहा कि वह और उनकी टीम इन्फोसिस को भारत की सबसे सम्मानित कंपनी बनाने के लिए प्रतिबद्ध थे। उन्होंने कहा, ‘‘ग्राहकों का सम्मान लाभ में तब्दील होता है और शीर्ष प्रतिभा को आकर्षित करता है।
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