Highlights
- निवेशकों की निगाह वैश्विक रुख, मुद्रास्फीति के आंकड़ों और कंपनियों के तिमाही नतीजों पर भी रहेगी
- रुपये का उतार-चढ़ाव, विदेशी निवेशकों का रुझान और ब्रेंट कच्चे तेल के दाम भी बाजार को दिशा देंगे
- चीन के मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर भी निवेशकों की निगाह रहेगी
ई दिल्ली। भू-राजनीतिक चिंता और अमेरिका में ब्याज दरों में बढ़ोतरी की संभावना के बीच इस सप्ताह स्थानीय शेयर बाजारों में उतार-चढ़ाव बना रहेगा। विश्लेषकों ने यह राय जताते हुए कहा है कि अभी बाजार में कारोबार एक दायरे में रहेगा। इसके साथ ही निवेशकों की निगाह वैश्विक रुख, मुद्रास्फीति के आंकड़ों और कंपनियों के तिमाही नतीजों पर भी रहेगी। तिमाही नतीजों का अब अंतिम दौर है। रुपये का उतार-चढ़ाव, विदेशी संस्थागत निवेशकों का रुझान और ब्रेंट कच्चे तेल के दाम भी बाजार को दिशा देंगे।
इन कंपनियों के शेयरों में रहेगी हलचल
सप्ताह के दौरान अडाणी एंटरप्राइजेज, कोल इंडिया, आयशर मोटर्स, अंबुजा सीमेंट्स, नेस्ले इंडिया, स्पाइसजेट और जेट एयरवेज के तिमाही नतीजे आने हैं। सैमको सिक्योरिटीज में इक्विटी शोध प्रमुख येशा शाह ने कहा, अमेरिका के मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर प्रतिक्रिया के बाद अब निवेशक फेडरल रिजर्व की कार्रवाई को लेकर समझ बनाने का प्रयास करेंगे। फेडरल रिजर्व की बैठक का ब्योरा जारी होने वाला है। शाह ने कहा कि इसके अलावा चीन के मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर भी निवेशकों की निगाह रहेगी। दलाल-स्ट्रीट के निवेशकों की निगाह घरेलू मुद्रास्फीति के आंकड़ों पर भी रहेगी। कुल मिलाकर इन घटनाक्रमो की वजह से बाजार में उतार-चढ़ाव रहने के आसार हैं।
विधानसभा चुनावों पर निवेशकों की नजर
स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, दुनियाभर के बाजार अमेरिका में ब्याज दरों में भारी बढ़ोतरी की संभावना के बीच समायोजन का प्रयास कर रहे हैं। लेकिन भू-राजनीतिक तनाव की वजह से चिंता बनी हुई है। उन्होंने कहा कि घरेलू मोर्चे पर इस सप्ताह मुद्रास्फीति के आंकड़ें आने हैं और साथ तिमाही नतीजों का अंतिम दौर है। इनसे बाजार की दिशा प्रभावित होगी। कुछ विशेष शेयरों में गतिविधियां देखने को मिल सकती हैं। मीणा ने कहा कि निवेशकों की निगाह उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, गोवा, पंजाब और मणिपुर विधानसभा चुनावों से जुड़े घटनाक्रमों पर भी रहेगी। उन्होंने कहा कि भारतीय बाजारों के लिए एफआईआई का रुख भी महत्वपूर्ण होगा, क्योंकि अभी वे जमकर निकासी कर रहे हैं। हालांकि, शुक्रवार को एफआईआई ने भारतीय शेयरों में शुद्ध रूप से 108.53 करोड़ रुपये डाले हैं। इस माह के दौरान एफआईआई भारतीय पूंजी बाजार से शुद्ध रूप से 14,930 करोड़ रुपये की निकासी कर चुके हैं। बीते सप्ताह बीएसई का 30 शेयरों का सेंसेक्स 491. 90 अंक या 0.83 प्रतिशत के नुकसान में रहा।
वैश्विक बाजार का भी असर होगा
रेलिगेयर ब्रोकिंग के उपाध्यक्ष शोध अजित मिश्रा ने कहा, प्रमुख घटनाक्रम पीछे छूटने के बाद अब निवेशकों की निगाह वैश्विक बाजारों और कंपनियों के तिमाही नतीजों पर रहेगी। वृहद मोर्चे पर बाजार सोमवार को औद्योगिक उत्पादन (आईआईपी) के आंकड़ों पर प्रतिक्रिया देगा। इसके अलावा थोक और खुदरा मुद्रास्फीति के आंकड़े भी 14 फरवरी को आने हैं। जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि इस सप्ताह बाजार की दिशा वैश्विक रुख और घरेलू मोर्चे पर वृहद आर्थिक आंकड़ों से तय होगी।