नई दिल्ली। गैस उपभोक्ताओं को जुलाई से सितंबर के लिए एलपीजी सिलेंडर पर सब्सिडी का भुगतान नहीं होगा। ऐसा हम इसलिए कह रहे हैं कि मई और जून माह में भी रसोई गैस सिलेंडर खरीदने वाले उपभोक्ताओं के खाते में सरकार द्वारा कोई सब्सिडी जमा नहीं कराई गई थी। इससे लाखों उपभोक्ता परेशान थे। उपभोक्ताओं की इस चिंता को पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्रालय ने दूर भी किया था।
मंत्रालय ने कहा था कि मई 2020 से एलपीजी गैस सिलेंडर की कीमतों में गिरावट आने की वजह से, इनकी कीमत में सब्सिडी का कोई हिस्सा नहीं था। इसलिए मई, 2020 और जून 2020 में आपूर्ति किए गए एलपीजी सिलेंडर के लिए कोई भी सब्सिडी का ट्रांसफर उपभोक्ता के सीधे बैंक खातों में नहीं किया गया है।
अब देखा जा रहा है कि देश में गैर-सब्सिडी वाले 14.2 किग्रा वाले एलपीजी सिलेंडर की खुदरा अभी भी मई व जून माह के स्तर पर स्थिर बनी हुई हैं। ऐसे में इस कीमत में सब्सिडी का हिस्सा नहीं है, इसलिए यह कहा जा सकता है कि इस दौरान खरीदे जाने वाले एलपीजी सिलेंडर पर सब्सिडी का भुगतान सरकार द्वारा नहीं किया जाएगा।
फरवरी में एलपीजी सिलेंडर की कीमत दिल्ली में 858.50 रुपए थी, जो मार्च में घटकर 805.50 रुपए रह गई थी। मई में एलपीजी सिलेंडर की कीमत 744 रुपए से घटकर 581.50 प्रति लीटर पर आ गई। एक जुलाई को पेट्रोलियम कंपनियों ने 14.2 किलोग्राम के गैर-सब्सिडी वाले एलपीजी सिलेंडर की कीमत में 1 रुपए की वृद्धि की थी। इसकी कीमत दिल्ली में 594 रुपए प्रति सिलेंडर है। हालांकि पेट्रोल और डीजल की कीमतों में दैनिक आधार पर संशोधन किया जाता है, जबकि एलपीजी सिलेंडर के दाम प्रत्येक महीने की शुरुआत में संशोधित किए जाते हैं।
एलपीजी सिलेंडर को भारत में बाजार मूल्य पर बेचा जा रहा है लेकिन सरकार सब्सिडी का भुगतान सीधे पात्र उपभोक्ताओं के बैंक खातों में करती है। बाजार मूल्य और सब्सिडी वाले सिलेंडर की कीमत के बीच अंतर वाली राशि को सब्सिडी के रूप में सरकार उपलब्ध कराती है। प्रत्येक परिवार को साल में 12 एलपीजी सिलेंडर सब्सिडी मूल्य पर उपलब्ध कराए जाने का प्रावधान है। इसके बाद बाजार मूल्य पर सिलेंडर खरीदना होता है।