
Refund charges levied on UPI, RuPay transactions in 2020: Refund charges collected since Jan 1 on UPI, RuPay transactions
नई दिल्ली। आयकर विभाग ने रविवार को बैंकों को रुपे कार्ड या भीम-यूपीआई जैसे डिजिटल माध्यम से किय गए लेन-देन पर एक जनवरी 2020 के बाद वसूले गए शुल्क को उपभोक्ताओं को लौटाने का निर्देश दिया है। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने आयकर अधिनियम की धारा 269एसयू के तहत निर्धारित इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों पर शुल्क लगाने संबंधी एक परिपत्र में बैंकों को सलाह दी कि वे इन माध्यम से किए जाने वाले भविष्य के किसी भी लेनदेन पर कोई शुल्क न लगाएं।
सरकार ने डिजिटल लेन-देन को प्रोत्साहित करने और कम नकदी वाली अर्थव्यवस्था की ओर बढ़ने के लिए वित्त अधिनियम 2019 में धारा 269एसयू के रूप में एक नया प्रावधान जोड़ा है। अधिनियम के तहत यह अनिवार्य किया गया है कि पिछले वर्ष 50 करोड़ रुपए से अधिक का कारोबार करने वाले व्यक्ति तत्काल प्रभाव से तय इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से भुगतान की व्यवस्था सुनिश्चित करें। बाद में सरकार ने दिसंबर 2019 में रुपे वाले डेबिट कार्ड, यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई/ भीम-यूपीआई) और यूपीआई क्विक रिस्पांस कोड (क्यूआर कोड) को निर्धारित इलेक्ट्रॉनिक माध्यम अधिसूचित कर दिया।
सीबीडीटी ने अपने परिपत्र में कहा कि बैंकों को सलाह दी जाती है कि यदि उन्होंने एक जनवरी 2020 को या उसके बाद निर्धारित इलेक्ट्रॉनिक मोड का उपयोग करते हुए किए गए लेन-देन पर यदि किसी तरह शुल्क वसूला है, तो वे इसे तत्काल वापस करें और भविष्य में इस प्रकार के लेन-देन पर कोई शुल्क न लें।
सीबीडीटी ने कहा कि दिसंबर 2019 में स्पष्ट किया गया था कि एक जनवरी 2020 से मर्चेंट डिस्काउंट रेट (एमडीआर) समेत किसी भी प्रकार का शुल्क निर्धारित इलेक्ट्रॉनिक मोड से किए गए लेन-देन पर लागू नहीं होगा। हालांकि, कई पक्षों से यह जानकारी मिली है कि कुछ बैंक यूपीआई के माध्यम से किए गए लेन-देन पर शुल्क लगा रहे हैं। वे एक निश्चित सीमा तक नि:शुल्क लेन-देन की सुविधा दे रहे हैं, लेकिन इसके बाद शुल्क वसूल रहे हैं। इस तरह की हरकतें भुगतान एवं निपटान प्रणाली अधिनियम की धारा 10ए और आयकर अधिनियम की धारा 269एसयू का उल्लंघन है। इस तरह के उल्लंघन पर दंडात्मक कार्रवाई का प्रावधान है।