Thursday, December 04, 2025
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. टैक्स
  4. GST सुधारों से सरकार को ₹3,700 करोड़ का हो सकता है रेवेन्यू लॉस, SBI की ताजा रिपोर्ट, जानें और क्या कहा?

GST सुधारों से सरकार को ₹3,700 करोड़ का हो सकता है रेवेन्यू लॉस, SBI की ताजा रिपोर्ट, जानें और क्या कहा?

GST दरों में सुधार से सरकार को जहां मामूली नुकसान का अनुमान है, वहीं इससे अर्थव्यवस्था को समग्र रूप से गति मिलने की संभावना जताई गई है। SBI की रिपोर्ट इसे एक संतुलित और दूरदर्शी कदम मान रही है।

Edited By: Sourabha Suman @sourabhasuman
Published : Sep 05, 2025 01:07 pm IST, Updated : Sep 05, 2025 01:07 pm IST
जीएसटी दरों में कटौती का असर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई पर भी देखने को मिलेगा।- India TV Paisa
Photo:FREEPIK जीएसटी दरों में कटौती का असर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई पर भी देखने को मिलेगा।

जीएसटी काउंसिल की तरफ से वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) की दरों में हालिया सुधार और कटौती से सरकार को राजस्व (रेवेन्यू) में करीब ₹3,700 करोड़ का मामूली नुकसान हो सकता है, लेकिन इसका राजकोषीय घाटे पर कोई असर नहीं पड़ेगा। यह बात भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) की ताज़ा रिसर्च रिपोर्ट में कही गई है। पीटीआई की खबर के मुताबिक, रिपोर्ट में बताया गया है कि जीएसटी दरों के तर्कसंगतीकरण से अर्थव्यवस्था को खपत और ग्रोथ में मजबूती मिलेगी, जिससे यह संभावित नुकसान संतुलित हो जाएगा। वहीं, सरकार का अनुमान है कि दरों में इस बदलाव का कुल सालाना राजकोषीय असर ₹48,000 करोड़ के आसपास हो सकता है।

GST काउंसिल की 56वीं बैठक में बड़ा फैसला

हाल ही में आयोजित जीएसटी काउंसिल की 56वीं बैठक में टैक्स स्ट्रक्चर में ऐतिहासिक बदलाव किया गया। मौजूदा चार-स्तरीय दर संरचना (5%, 12%, 18% और 28%) को हटाकर अब दो मुख्य दरें लागू की गई हैं: मानक दर 18% और निम्न दर 5%। साथ ही, कुछ विशिष्ट वस्तुओं और सेवाओं पर 40% की डी-मेरिट दर भी लागू की गई है।

बैंकिंग सेक्टर को मिलेगा फायदा

SBI की रिपोर्ट के मुताबिक, जीएसटी दरों के पुनर्गठन का सबसे पॉजिटिव असर बैंकिंग क्षेत्र पर पड़ने की संभावना है। तर्कसंगत दरों से कॉस्ट एफिशिएंसी बढ़ेगी, जिससे ऑपरेशनल खर्च में कटौती और समग्र कार्यप्रणाली में सुधार देखने को मिलेगा।

औसत प्रभावी जीएसटी दर में बड़ी गिरावट

रिपोर्ट में यह भी बताया गया है कि जीएसटी लागू होने के समय यानी 2017 में औसत प्रभावी दर 14.4% थी, जो अब घटकर 9.5% तक आ सकती है। यह गिरावट मुख्यतः आवश्यक वस्तुओं (करीब 295 आइटम्स) की दरों में कटौती के चलते हुई है, जिन्हें 12% से घटाकर 5% या शून्य कर दिया गया है।

महंगाई दर पर सकारात्मक असर

जीएसटी दरों में कटौती का असर उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित महंगाई पर भी देखने को मिलेगा। रिपोर्ट के अनुसार, वित्त वर्ष 2025-26 में सीपीआई महंगाई 25 से 30 बेसिस पॉइंट तक कम हो सकती है। वहीं 2026-27 तक कुल सीपीआई में 65 से 75 बेसिस पॉइंट तक की कमी आने का अनुमान है।

Latest Business News

Google पर इंडिया टीवी को अपना पसंदीदा न्यूज सोर्स बनाने के लिए यहां
क्लिक करें

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Tax News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement