वित्त वर्ष 2022-23 के लिए अबतक चार करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न (आईटीआर) दाखिल किए गए हैं। इनमें से आधे से अधिक की जांच-परख पूरी हो चुकी है। आयकर विभाग ने अबतक 80 लाख रिफंड जारी किए गए हैं। केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) के चेयरमैन नितिन गुप्ता ने सोमवार को यह जानकारी दी। गुप्ता ने यह भी कहा कि ‘‘हर स्तर पर कार्यबल की कमी (विभाग में) बेहतर परिणाम देने के हमारे प्रयासों में बाधा बन रही है।’’ उन्होंने केंद्रीय वित्त मंत्री से विभाग के कैडर पुनर्गठन प्रस्ताव को ‘तुरंत मंजूरी’ देने का आग्रह किया। वह यहां 164वें आयकर दिवस के मौके पर आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे।
16.61 लाख करोड़ से अधिक का कर संग्रह हुआ
सीबीडीटी आयकर विभाग के लिए प्रशासनिक प्राधिकरण है। गुप्ता ने कहा कि प्रत्यक्ष कर संग्रह, जिसमें व्यक्तिगत आयकर और कॉरपोरेट कर शामिल हैं, ‘उल्लेखनीय’ प्रगति कर रहा है। विभाग ने वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान 16.61 लाख करोड़ रुपये से अधिक का कर संग्रह किया है और यह पिछले वर्ष की तुलना में 17.67 प्रतिशत अधिक है।’’ उन्होंने कहा कि यह संग्रह प्रत्यक्ष कर श्रेणी के तहत राजस्व संग्रह के लिए सरकार द्वारा निर्धारित बजट और संशोधित अनुमान दोनों को ‘लांघ’ कर गया है। गुप्ता ने कहा कि चालू वर्ष में 50 प्रतिशत से अधिक रिटर्न की पहले जांच-परख हो चुकी है। अबतक 80 लाख से अधिक रिफंड जारी किए जा चुके हैं।
एक लाख लोगों को आयकर नोटिस का आकलन मार्च तक हो जाएगाः सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि आयकर विभाग के पास उपलब्ध सूचना और घोषित आय में तालमेल न होने के आधार पर भेजे गए एक लाख आयकर नोटिस का आकलन मार्च, 2024 तक पूरा कर लिया जाएगा। आयकर विभाग ने अपने पास उपलब्ध सूचना और व्यक्तिगत करदाताओं की तरफ से आयकर रिटर्न (आईटीआर) में दी गई सूचना के बीच तालमेल न होने पर 50 लाख रुपये से अधिक आय वाले करीब एक लाख लोगों को नोटिस भेजे हैं। इसके अलावा कर रिटर्न जमा न करने वाले लोगों को भी नोटिस भेजे गए हैं। सीतारमण ने 164वें आयकर दिवस पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा, ‘‘केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने मुझे आश्वस्त किया है कि मार्च, 2024 तक सभी एक लाख नोटिस का निपटान कर लिया जाएगा। ये नोटिस 50 लाख रुपये से अधिक आय वाले लोगों को विभाग के पास उपलब्ध सूचनाओं के आधार पर जारी किए गए हैं।’’
छह साल तक के कर विवरणों का दोबारा आकलन संभव
आयकर कानून के तहत विभाग छह साल तक के कर विवरणों का दोबारा आकलन कर सकता है। इस पर सीतारमण ने कहा, ‘‘अब छह साल के बाद किसी भी व्यक्ति के कर आकलन को दोबारा नहीं खोला जाएगा। चौथे, पांचवें और छठे साल में भी दोबारा आकलन सिर्फ कुछ खास परिस्थितियों में ही किया जा सकता है।’’ उन्होंने कहा कि प्रमुख मुख्य आयुक्त स्तर के अधिकारी की मंजूरी मिलने के बाद ही ये मामले दोबारा खोले गए हैं। वित्त मंत्री ने कहा कि सीबीडीटी ने उच्चतम न्यायालय के निर्देश पर भेजे गए 55,000 नोटिस की समीक्षा का काम मई, 2023 में पूरा कर लिया था। उन्होंने कहा, ‘‘आज के समय में सीबीडीटी भेजे गए नोटिस पर बैठा हुआ नहीं है। यह विवेकाधिकार वाली जगह नहीं है, ऐसी जगह नहीं है जहां व्यवस्था के साथ खिलवाड़ हो रहा है, यह एकदम स्पष्ट नजरिया है।’’ उन्होंने कहा कि आयकर की दरों में बढ़ोतरी नहीं करने के बावजूद आयकर विभाग के सक्षम होने से कर राजस्व बढ़ रहा है। उन्होंने कहा कि सरकार कराधान और इसकी दरों को लोगों के अनुकूल बनाने की सोच रखती है।
5.16 करोड़ टैक्सपेयर्स ने शून्य कर देनदारी घोषित की
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कहा कि आयकर रिटर्न दाखिल करने वाले व्यक्तियों सहित संस्थाओं की संख्या 2022-23 में 6.18 प्रतिशत बढ़कर 7.40 करोड़ से अधिक हो गई, जिनमें से लगभग 5.16 करोड़ ने शून्य कर देनदारी घोषित की। उन्होंने लोकसभा में कहा कि वित्त वर्ष 2022-23 में भारत का सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह 20.33 प्रतिशत बढ़कर 19.68 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया। उन्होंने बताया कि सरकार ने टीडीएस/टीसीएस के दायरे का विस्तार, व्यक्तिगत आईटी का सरलीकरण, आईटीआर की प्री-फाइलिंग, अपडेटेड रिटर्न, नए फॉर्म 26एएस और नॉन-फाइलर्स मॉनिटरिंग सिस्टम जैसे कई कदम उठाए हैं, जिससे करदाताओं को जोड़ने में मदद मिली है।