केन्द्रीय मंत्री के मुताबिक इस समय हमारे वाहन उद्योग का कारोबार 7.5 लाख करोड़ रुपये है। पांच साल के भीतर यह 15 लाख करोड़ से अधिक हो जाएगा
डीलर्स के मुताबिक त्योहारों के इस दो माह के दौरान वो सालाना बिक्री का 40 प्रतिशत हासिल कर लेतें हैं। हालांकि इस साल वाहनों की आपूर्ति न होने से बिक्री पर असर दिख रहा है।
ऑटो उद्योग में फिलहाल 4.5 से 5 लाख वाहनों की बुकिंग लंबित है और इसमें से केवल मारुति सुजुकी के पास 2.15 से 2.20 लाख इकाइयों की बुकिंग है
टाटा मोटर्स ने पीएलआई योजना को प्रगतिशील और परिवर्तनकारी करार दिया, वहीं ACMA ने उम्मीद जताई कि इससे नई तकनीक में निवेश बढ़ेगा।
पिछले साल सरकार ने वाहन तथा वाहन कलपुर्जा क्षेत्र के लिए प़ीएलआई योजना की घोषणा की थी। इस योजना के तहत पांच साल में 57,043 करोड़ रुपये की राशि रखी गई थी।
सरकार ने ऑटो सेक्टर से अगले पांच वर्षों में निर्यात को दोगुना करके 30 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचाने का लक्ष्य रखा है। वहीं रोजगार भी 2025 तक 70 लाख से अधिक होने की उम्मीद
सचिव ने कहा कि हम ऑटो सेक्टर को प्रौद्योगिकी के साथ आगे बढ़ते देखना चाहते हैं, अगर प्रोद्योगिकी में बदलाव होता तो सेक्टर को भी इसी बदलाव के साथ बढ़ना होगा
सियाम के मुताबिक दोपहिया का निर्यात पिछले तीन साल की तुलना में बेहतर रहा है, वहीं यात्री वाहनों, तिपहिया और वाणिज्यिक वाहनों का निर्यात अभी 2018-19 की पहली तिमाही के आंकड़े तक नहीं पहुंच पाया है।
इंदौर में स्थित एनएटीआरएएक्स- हाई स्पीड ट्रैक 11 किलोमीटर से ज्यादा लंबा है, और इस पर 375 किलोमीटर प्रति घंटा रफ्तार तक भी परीक्षण किये जा सकते हैं।
कंपनियों का मानना है कि कोरोनो वायरस महामारी के बीच आवाजाही को लेकर लोग अपने वाहन को तरजीह देंगे और पुरानी कारों की खरीद-बिक्री में लंबी अवधि के दौरान वृद्धि होगी।
वाहन डीलरों ने कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर से व्यावसायिक रूप से बचे रहने के लिये माल एवं सेवा कर (जीएसटी) भुगतान से तीन महीने की छूट समेत राजकोषीय समर्थन की मांग की है।
देश में कोविड-19 के एक दिन में रिकॉर्ड 2,73,810 नए मामले सामने आने के साथ ही संक्रमण के कुल मामले 1.50 करोड़ के पार पहुंच गए। जिसके बाद दिल्ली सहित कई जगहों पर प्रतिबंध और कड़े हो गए हैं।
निसान और डैटसन के सभी मॉडलों की कीमतों में एक अप्रैल 2021 से बढ़ोतरी होगी। वहीं सोमवार को ही मारुति ने भी अप्रैल के दौरान कीमतों में बढ़त का ऐलान किया था।
दोपहिया वाहन बिक्री भी 10.2 प्रतिशत बढ़कर 14,26,865 इकाई हो गयी। पिछले साल की इसी अवधि में डीलर्स ने 12,94,787 इकाइयों की बिक्री की थी। वहीं फरवरी माह में मोटरसाइकिल की बिक्री 11.47 प्रतिशत बढ़कर 9,10,323 इकाई हो गयी।
वर्तमान में भारत में आटोमोबाइल क्षेत्र के कलपुर्जों के विनिर्माण में 70 प्रतिशत तक स्थानीय उत्पादों का इस्तेमाल होता है। जिसे अब सरकार बढ़ाकर 100 प्रतिशत करना चाहती है जिससे आयात पर निर्भरता खत्म हो।
वाहन उद्योग में सेमीकंडक्टर का उपयोग हाल के दिनों में ब्लूटूथ कनेक्टिविटी और ड्राइवर असिस्ट, नेविगेशन और हाइब्रिड इलेक्ट्रिक सिस्टम जैसे फीचरों के साथ वैश्विक स्तर पर बढ़ा है।
कोरोना संकट को लेकर अनिश्चितता की वजह से कंपनियां आगे के रुख को लेकर सतर्क बनी हुई है। हालांकि कोरोना वैक्सीन और बेहतर सेल्स आंकड़ों के देखते हुए कंपनियां विस्तार योजनाओं पर आगे बढ़ने के लिए भी तैयार हैं।
कोरोना वायरस महामारी के बीच इस साल सितंबर तिमाही में मारुति सुजुकी, हुंदै मोटर और टोयोटा किर्लोस्कर जैसी यात्री वाहन कंपनियों के वाहनों की व्यावसायिक प्रतिष्टानों को थोक में की जाने वाली बिक्री में तेज गिरावट आयी है।
बड़ी ऑटोमोबाइल कंपनियां वाहनों की बिक्री बढ़ाने के लिए 'मुफ्त बीमा' और 'सर्विस पैक' जैसे विभिन्न ऑफर देकर ग्राहकों को लुभा रही हैं। इसके साथ ही अल्ट्रा-लग्जरी कारों और एसयूवी पर पांच से लेकर 8.5 प्रतिशत तक की छूट दी जा रही है। वाहनों की वास्तविक कीमत पर 2.5 लाख से लेकर 8.5 लाख रुपये तक की छूट दी जा रही है।
ऑटो सेक्टर में उत्सर्जन घटाने के लिए सीएनजी की तुलना में एच-सीएनजी (हाइड्रोजन का 18 प्रतिशत मिश्रण) के इस्तेमाल का परीक्षण करने के बाद, भारतीय मानक ब्यूरो ने हाइड्रोजन युक्त कंप्रेस्ड प्राकृतिक गैस (एच-सीएनजी) के निर्देशों को तैयार किया है
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