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Hindi News हेल्थ क्या आपके घर में है कोरोना का मरीज? होम आइसोलेशन और इलाज के लिए आई एम्स की नई गाइडलाइन्स

क्या आपके घर में है कोरोना का मरीज? होम आइसोलेशन और इलाज के लिए आई एम्स की नई गाइडलाइन्स

ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (एम्स) और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने मिलकर एक नई गाइडलाइन जारी की है।

aiims new guidelines coronavirus second strain- India TV Hindi Image Source : FREEPIK कोरोना वायरस दूसरी लहर: एम्स ने जारी की नई गाडलाइन्स, बताया इन तीन हालात में मरीजों का ऐसे हो इलाज 

कोरोना वायरस की दूसरी लहर भयावह होती जा रही है। हर तरफ हाहाकार मचा हुआ है। अस्पतालों में जगह नहीं है। मरीजों को इलाज नहीं मिल पा रहा है। ऑक्सीजन की कमी ने हालात को और भी ज्यादा खतरनाक बना दिया है। इस बीच जिन्हें कोरोना के हल्के लक्षण हैं, उन्हें घर पर ही खुद को आइसोलेट कर ट्रीटमेंट करना पड़ रहा है।  

ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेस (एम्स) और इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) ने मिलकर एक नई गाइडलाइन जारी की है, जिसमें कोरोना के तीन अलग-अलग लेवल 'माइल्ड, मॉडरेट और गंभीर' के ट्रीटमेंट के बारे में जानकारी दी गई है। 

हल्के लक्षण दिखने पर ऐसे करें ट्रीटमेंट:

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कैसे करें पहचान? 

ऐसे मरीजों में कोरोना के हल्के लक्षण दिखाई देते हैं। जैसे- बुखार रहता है, लेकिन सांस संबंधी कोई परेशानी नहीं हो रही है। 

सलाह: होम आइसोलेशन और देखभाल

जरूर करें ये काम:

  • सामाजिक दूरी बनाएं रखें।
  • घर में भी मास्क पहनें। 
  • हाथों को साफ करते रहें। 
  • शरीर को हाइड्रेट रखें। 
  • मल्टीविटामिन्स और विटामिन सी जैसी दवाइयों का सेवन करें।
  • फिजिशियन से संपर्क में रहें।
  • ऑक्सीजन लेवल और बॉडी टेम्प्रेचर का ध्यान रखें। 

ऐसी स्थिति में मेडिकल अटेंशन की जरूरत: 

  • सांस लेने में समस्या होने पर।
  • पांच दिन से ज्यादा तेज बुखार या खांसी होने पर।  
  • जिन लोगों को पहले से कोई गंभीर समस्या हो। 

Image Source : aiimsएम्स ने जारी की गाइडलाइंस

मॉडरेट लक्षण दिखने पर ऐसे करें ट्रीटमेंट:

कैसे करें पहचान? 

रोगी की श्वसन दर 24 / मिनट से अधिक है, सांस की तकलीफ है और SpO2 90% है।

सलाह: अस्पताल में एडमिट 

जरूर करें ये काम:

  • मरीज को हॉस्पिटल में एडमिट कराएं।
  • सांस लेने में समस्या होने पर ऑक्सीजन सपोर्ट। 
  • डॉक्टर्स द्वारा लगातार निगरानी।
  • चेस्ट का टेस्ट।

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गंभीर लक्षण दिखने पर ऐसे करें ट्रीटमेंट:

कैसे करें पहचान? 

रोगी की श्वसन दर  30 / मिनट से अधिक है, सांस की तकलीफ है।

सलाह: आईसीयू में एडमिट कराएं।

ये काम जरूर करें:

  • मरीज को आईसीयू में भर्ती कराएं।
  • जिस हिसाब से जरूरत है, इलाज किया जाए।
  • चेस्ट की जांच जरूर कराएं। 
  • जरूरत पड़ने पर ऑक्सीजन दी जाए। 

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