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Hindi News हेल्थ नजर कमजोर हो रही है तो डाइट में शामिल करें शिमला मिर्च, मोतियाबिंद की समस्या से मिलेगी राहत

नजर कमजोर हो रही है तो डाइट में शामिल करें शिमला मिर्च, मोतियाबिंद की समस्या से मिलेगी राहत

शिमला मिर्च की खासियत ये है कि ये कैलोरी में भी कम हैं और हल्की फुल्की होने के साथ साथ बहुत सारे विटामिन्स से भरपूर हैं और सबसे ख़ास बात ये है कि डायबेटिक्स भी इसे शौक से खा सकते हैं।

नजर कमजोर हो रही है तो डाइट में शामिल करें शिमला मिर्च- India TV Hindi Image Source : SHIMLA MIRCH नजर कमजोर हो रही है तो डाइट में शामिल करें शिमला मिर्च

Highlights

  • शिमला मिर्च में ल्यूटीन (Lutein) और ज़िएक्सजेन्थीन (zeaxanthin) नेचरल कंपाउंड्स होते हैं
  • शिमला मिर्च की खासियत ये है कि ये कैलोरी में कम हैं
  • शिमला मिर्च हल्की फुल्की होने के साथ साथ बहुत सारे विटामिन्स से भरपूर है

शिमला मिर्च तो हर किसी ने देखा होगा, खाया भी होगा लेकिन आप इसके एक नायाब गुण के बारे में नहीं जानते होंगे। मोतियाबिंद (कैटरेक्ट) और मैक्यूलर डीजनरेशन जैसी समस्याओं को रोकने के लिए शिमला मिर्च बड़ी ख़ास होती है। क्यों होती है ख़ास जानना चाहेंगे? वैज्ञानिक और हर्बल मेडिसिन एक्सपर्ट दीपक आचार्य ने हमें बताया कि शिमला मिर्च में ल्यूटीन (Lutein) और ज़िएक्सजेन्थीन (zeaxanthin), ये दो ऐसे नेचरल कंपाउंड्स हैं जो आंखों की सेहत के लिए बड़े ही महत्वपूर्ण हैं। ये दोनों कंपाउंड्स बेहतरीन एंटीऑक्सीडेंट्स हैं और आंखों की सेहत के लिए तो अतिमहत्वपूर्ण हैं लेकिन दुर्भाग्य से ये हमारे शरीर में बनते नहीं हैं। इनकी पूर्ति हम बेहतरीन खानपान से ही कर सकते हैं।

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शिमला मिर्च के अलावा और भी कई फल और सब्जियां हैं जिनमें ये दोनों एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। लेकिन, शिमला मिर्च की खासियत ये है कि ये कैलोरी में भी कम हैं और हल्की फुल्की होने के साथ साथ बहुत सारे विटामिन्स से भरपूर हैं, और सबसे ख़ास बात ये है कि डायबेटिक्स भी इसे शौक से खा सकते हैं। चूंकि आंखों से जुड़ी इन समस्याओं (कैटरेक्ट और मैक्यूलर डीजनरेशन) की मुख्य वजहों में से एक डायबिटीज ही है, इसलिए शिमला मिर्च एक बेहतरीन ऑप्शन है।

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दीपक आचार्य ने बताया- ''मॉस्को (रूस) से 600 किमी दूर मोरूम एक छोटा सा कस्बा है, मैं करीब 25 दिन वहाँ रहा था। एक रात किसी ने खाने पर मुझे बुलाया, खाने से पहले एक तश्तरी में कुछ पपड़ी की तरह का आयटम रखा हुआ था। इसे चाव से खाया जा रहा था और जब मैं इस आयटम को खा रहा था तो मुझे बताया गया कि ये आंखों के लिए अच्छा है। इसके बारे में पूछे जाने पर मुझे पता चला कि ये  'बोलगर्सके सुखोय' है। ये इतने कठिन नाम वाली चीज कुछ और नहीं, सूखी हुई शिमला मिर्च थी और तब पहली बार ये भी पता चला कि सूखे को रूसी भाषा में सुखोय कहते हैं।''

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कैसे और कितना खाएं शिमला मिर्च

हफ्ते में 2-3 बार शिमला मिर्च भी खाएं, इस आप किसी भी तरीके से खा सकते हैं, जैसे- सब्जी बनाकर, सलाद के तौर पर या सुखाकर। हरी या लाल या फिर पीली कोई भी शिमला मिर्च आप खा सकते हैं जो भी आपको आसानी से मिले। 'बोलगर्सके सुखोय' बनाना हो तो लंबे आकार में शिमला मिर्च कट करें, दो दिन धूप में सुखा दें, एक दिन छांव में फैलाकर रखें और कंटेनर में डाल दें। जब खाने का मूड बने तो चाट मसाला डालकर खा सकते हैं।

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