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Hindi News हेल्थ आस्था से नहीं सेहत से भी है नवरात्रि व्रत का कनेक्शन, स्वामी रामदेव से जानें डायबिटीज में कैसे करें फास्ट

आस्था से नहीं सेहत से भी है नवरात्रि व्रत का कनेक्शन, स्वामी रामदेव से जानें डायबिटीज में कैसे करें फास्ट

Navratri fast in diabetes: डायबिटीज में नवरात्रि का व्रत रखना शुगर मेटाबोलिज्म को ठीक करने में मदद कर सकता है। ऐसे में स्वामी रामदेव से जानें इसे बैलेंस करने के उपाय।

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या देवी सर्वभूतेषु शक्ति-रूपेण संस्थिता।
नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः
आज से चैत्र नवरात्रि की शुरुआत हो गई है जिसका लोग बेसब्री से इंतजार करते है। इस दौरान श्रद्धालु 9 दिन पूजा-अर्चना करते हैं और व्रत रखते हैं।

त्योहारों में उपवास रखने की परंपरा भारतीय संस्कृति में सदियों पुरानी है क्योंकि व्रत का कनेक्शन सिर्फ आस्था से ही नहीं अच्छी सेहत से भी होता है। फास्ट के दौरान उल्टा सीधा खाने से जो ब्रेक मिलता है वो शरीर की मशीनरी को रेस्ट देता है। जिससे बॉडी को अपनी एनर्जी रिस्टोर करने में मदद मिलती है। कई बार तो फास्टिंग किसी बीमारी में दवा से ज़्यादा असरदार साबित होती है जैसे शुगर की बीमारी चीन में हुई एक ताज़ा स्टडी हैरान करने वाली है। रिसर्च के मुताबिक इंटरमिटेंट फास्टिंग टाइप-2 डायबिटीज़ को रिवर्स कर सकती है। वो इसलिए क्योंकि इंटरमिटेंट फास्टिंग से पैंक्रियाज़ ज़्यादा एक्टिव होते हैं और इंसुलिन का प्रोडक्शन बढ़ जाता है जिससे ब्लड शुगर को कम करने में मदद मिलती है। इससे लिवर और मसल्स को ब्लड शुगर को रेगुलेट करने में आसानी होती है। 

ये फॉर्मूला तब काम करता है जब आप हाई शुगर के पेशेंट हैं लेकिन अगर आपका शुगर लेवल लो रहता है तो व्रत रखने से ग्लूकोज़ लेवल डिप हो सकता है, जिसमें अचानक बहुत पसीना आता है शरीर में कंपकपाहट और धड़कनें तेज़ हो जाती हैं। दरअसल व्रत या रोज़े में ज्यादा देर तक बिना खाए पीए रहने से शरीर में इंसुलिन कम बनता है और कमज़ोरी महसूस हो सकती है।

वहीं, दूसरी तरफ व्रत में शुगर पेशेंट्स की डाइट बदलने मीठे और तलेभुने पकवान ज़्यादा खाने से बॉडी में ग्लूकोज़ लेवल तेज़ी से बढ़ जाता है। शुगर लेवल ज़्यादा बढ़ जाए तो भी दिक्कत ज़्यादा कम हो तो भी दिक्कत ऐसे में वो 16 करोड़ से ज़्यादा वो लोग क्या करें जो डायबिटीज़ के शिकार हैं..या प्री डायबिटिक हैं, वो व्रत कैसे रखें। उन्हीं लोगों की मुश्किल आसान करने के लिए आज हम ये स्पेशल शो कर रहे हैं तो चलिए योगगुरू से ही जानते हैं कि डायबिटीज़ के मरीज़ व्रत में कौन सा योग करें, क्या सावधानी बरतें कि उनका शुगर लेवल कंट्रोल में रहे। 

डायबिटीज के मरीज को अपने खाने-पीने का खास ख्याल रखना चाहिए. डायबिटीज के रोगियों के लिए व्रत उपवास करना आसान नहीं है. ऐसे लोगों की डाइट में परिवर्तन होने से या ज्यादा समय तक भूखे रहने से परेशानी बढ़ने लगती हैं। डायबिटीज के मरीज अगर ज्यादा समय तक बिना खाए पिए रहते हैं तो शुगर लेवल कम हो जाता है जिसे हाइपोग्लाइसीमिया कहते हैं। इस स्थिति में मरीज के हाथ-पैर कांपने लगते हैं, कमजोरी महसूस होती है और धड़कन तेज हो जाती है। ऐसा तब होता है जब आप इंसुलिन नहीं लेते और ज्यादा मीठा या तली भुनी चीजें खाते हैं. अगर आप डायबिटीज के मरीज हैं और व्रत रखना चाहते हैं तो इन बातों का ध्यान रखें।

नई स्टडी में हुआ यह खुलासा
मेडिकल न्यूज़ टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक चीन में की गई एक हालिया स्टडी में पता चला है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग से टाइप 2 डायबिटीज को रिवर्स करने में मदद मिल सकती है। इस स्टडी में शामिल किए गए 47.20 प्रतिशत लोगों की टाइप 2 डायबिटीज की समस्या 3 महीने तक इंटरमिटेंट फास्टिंग करने से पूरी तरह रिवर्स हो गई। स्टडी के नतीजे काफी हैरान करने वाले रहे। यह स्टडी ‘द जर्नल ऑफ क्लीनिकल एंडोक्राइनोलॉजी एंड मेटाबॉलिज्म’ में पब्लिश हुई है। यह बात पहले भी साबित हो चुकी है कि इंटरमिटेंट फास्टिंग से शरीर में इंसुलिन रजिस्टेंस कम हो जाता है और वजन घटाने में भी काफी मदद मिलती है।

शोधकर्ताओं का कहना है कि पिछले कुछ दशकों में यह देखने को मिला है कि जो लोग खाने पीने का ध्यान रखकर कम समय में अपना वजन तेजी से कम करते हैं, उनमें से करीब 45% लोग टाइप 2 डायबिटीज को शुरुआती स्टेज में ही रिवर्स कर सकते हैं। वजन कम होने से पैंक्रियास में इंसुलिन का प्रोडक्शन बढ़ जाता है और ब्लड शुगर को कम करने में मदद मिलती है। इससे लिवर और मसल को ब्लड शुगर को रेगुलेट करने में आसानी होती है। कुल मिलाकर खाने पीने का ध्यान रखकर टाइप 2 डायबिटीज को कंट्रोल किया जा सकता है और कुछ मामलों में इसे रिवर्स भी किया जा सकता है। हालांकि डायबिटीज के मरीजों को इंटरमिटेंट फास्टिंग से पहले डॉक्टर की सलाह जरूर लेनी चाहिए। 

दरअसल जब शुगर के पेशेंट जब उपवास करते हैं, तो उन्हें नॉर्मल दिनों की तुलना में ज्यादा देर तक खाली पेट रहना पड़ता है। इस वजह से उनके ब्लड में ग्लूकोज की मात्रा कम हो सकती है। इस स्थिति को हाइपोग्लाइसीमिया कहते हैं, जो खतरनाक है।

उपवास में ब्‍लड शुगर कम होने पर ये 3 लक्षण दिखाई देंगे

अचानक पसीना आना
शरीर में कमजोरी या कंपन होना
दिल की धड़कनें तेज होना
नोट- आमतौर पर 70 या इससे कम ब्लड शुगर होने पर ये लक्षण दिखते हैं।

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डायबिटीज के लक्षण 

ज्यादा प्यास लगना 
वजन घटना 
धुंधला दिखना 
ज्यादा यूरिन आना 
सिरदर्द 
घाव ना भरना 
कमजोरी 

चीनी कितनी खाएं? 

WHO की गाइडलाइन
1 दिन में 5 ग्राम से ज्यादा चीनी ना खाएं
5 ग्राम यानि 1 चम्मच 
3 गुना ज्यादा चीनी खाते हैं लोग
 
सफेद चावल से डायबिटीज़ का रिस्क
20% ज्यादा  डायबिटीज का खतरा

डायबिटीज की वजह 

तनाव
बेवक्त खाना
जंकफूड 
पानी कम पीना
वक्त पर न सोना 
वर्कआउट न करना 
मोटापा
जेनेटिक 

शुगर होगी कंट्रोल करें योग

मंडूकासन 
योगमुद्रासन
वक्रासन 
भुजंगासन

3 पौधों से शुगर कंट्रोल

एलोवेरा 
स्टीविया प्लांट
इंसुलिन प्लांट 

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शुगर का इलाज

हफ्ते में 150 मिनट वर्कआउट ज़रूरी
शुगर का खतरा 60% करता है कम
रोज़ 20-25 मिनट करें एक्सरसाइज़

शुगर होगी कंट्रोल, आजमाएं 

खीरा-करेला-टमाटर का जूस लें
गिलोय का काढ़ा पीएं
मंडूकासन- योगमुद्रासन फायदेमंद
15 मिनट कपालभाति करें

शुगर होगी कंट्रोल, क्या खाएं 

रोज 1 चम्मच मेथी पाउडर खाएं 
सुबह लहसुन की 2 कली खाएं
गोभी, करेला लौकी खाएं

शुगर कंट्रोल, घटाएं मोटापा

सिर्फ गुनगुना पानी पीएं
सुबह खाली पेट नींबू-पानी लें
लौकी का सूप जूस-सब्जी खाएं
अनाज -चावल कम कर दें
खाने के 1 घंटे बाद  पानी पीएं

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