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Hindi News महाराष्ट्र 'प्रधानमंत्री के लिए रेलवे एक खिलौना बन गया है', संजय राउत ने बालासोर ट्रेन हादसे पर कहा- सिर्फ इवेंट करते हैं मोदी, लाशों पर कफन के लिए कपड़े नहीं हैं

'प्रधानमंत्री के लिए रेलवे एक खिलौना बन गया है', संजय राउत ने बालासोर ट्रेन हादसे पर कहा- सिर्फ इवेंट करते हैं मोदी, लाशों पर कफन के लिए कपड़े नहीं हैं

शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) सांसद संजय राउत ने बालासोर रेल हादसे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निंदा की और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री के लिए रेलवे एक खिलौना बन गया है।

sanjay raut- India TV Hindi Image Source : PTI संजय राउत

मुंबई: ओडिशा में 2 जून को हुए भयानक रेल हादसे ने पूरे देश को झकझोर कर रख दिया है। बालासोर रेल दुर्घटना में 275 लोगों की मौत हो गई जबकि 900 से ज्यादा घायल हो गए। इसके बाद से विपक्ष लगातार केंद्र सरकार पर हमला बोल रहा है। इस बीच शिवसेना (उद्धव बालासाहेब ठाकरे) सांसद संजय राउत ने रेल हादसे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की निंदा की और आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री के लिए रेलवे एक खिलौना बन गया है।

'जो पहले बची हुई ट्रेन हैं वो तो सही से पटरी पर चलाओ'
संजय राउत ने कहा, ''रेलवे एक खिलौना बन गया है। प्रधानमंत्री आज यहां हरी झंडी दिखाओ कल वहां हरी झंडी दिखाओ। सिर्फ यह इवेंट करते हैं, लाशो पर कफन के लिए कपड़े तक नहीं हैं।'' सीबीआई जांच को लेकर राउत ने कहा, जो पहले बची हुई ट्रेन हैं वो तो सही से पटरी पर चलाओ। बुलेट ट्रेन, फास्ट ट्रेन और क्या-क्या बनाने की बात करते हैं। सीबीआई इसमें क्या ही जांच करेगी, टेक्निक डिपार्टमेंट फेल है, इनका सिग्नल डिपार्टमेंट फेल है।'' आगे उन्होंने कहा, रेल मंत्री को इस घटना की जिम्मेदारी लेते हुए और नैतिकता के मुद्दे पर इस्तीफा दे देना चाहिए। यह हादसा उनकी लापरवाही का कारण है।

कांग्रेस के साथ सीट बंटवारे पर राउत ने कहा, ''इस बार महाविकास आघाड़ी की बातचीत होगी तो निर्णय लिया जाएगा। मुंबई में जरूर कांग्रेस की ताकत है यह मानना पड़ेगा, लेकिन अब महानगरपालिका में किसकी ताकत है वो भी तो देखिए। हम एक बैठक करेंगे उसने बकायदा निर्णय लेंगे।''

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'फडणवीस का मक्का मदीना दिल्ली में है'
मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर शिवसेना सांसद ने कहा, ''महाराष्ट्र का हाईकमान दिल्ली में है, फडणवीस का मक्का मदीना दिल्ली में है। असली शिवसेना कभी दिल्ली में जाकर झुकती नहीं है, दिल्ली में जाने की जरूरत नहीं है। सारे निर्णय हमारे यहां होते थे। अगर मंत्रिमंडल का विस्तार नहीं होता है तो साफ है कि यह सरकार जा रही है। एक साल हो गया लेकिन अब तक मंत्रिमंडल विस्तार नहीं किया।''