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Hindi News धर्म त्योहार Kanya Pujan 2023: इस दिन करें कन्या पूजन, इस विधि से पूजा करने से माँ भगवती होंगी प्रसन्न

Kanya Pujan 2023: इस दिन करें कन्या पूजन, इस विधि से पूजा करने से माँ भगवती होंगी प्रसन्न

जानें किन नवरात्रि में कन्या पूजन और भोजन कराया जाता है साथ ही किस विधि से यह पूजा संपन्न होती है।

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नवरात्रि के दिनों को बेहद ही शुभ और पवित्र माना जाता है। माँ के भक्त माता की नौ दिनों व्रत रख कर पूजा आराधना करते हैं। अष्टमी और नवमी तिथि पर कन्या पूजन भी किया जाता है। कई लोग अष्टमी पर तो कई लोग नवमी पर कन्या पूजन करते हैं। इस दिन 10 साल से कम उम्र की कन्याओं को देवी मानकर उनकी पूजा की जाती है। कल आश्विन शुक्ल पक्ष की अष्टमी तिथि और रविवार का दिन है। अष्टमी तिथि कल शाम 7 बजकर 59 मिनट तक रहेगी। कल शारदीय नवरात्र का आठवां दिन है। नवरात्रि के आठवें दिन को महाष्टमी के नाम से भी जाना जाता है। कल अष्टमी तिथि में मां दुर्गा की आठवीं शक्ति माता महागौरी की उपासना की जायेगी । इनका रंग पूर्णतः गोरा होने के कारण ही इन्हें महागौरी या श्वेताम्बरधरा भी कहा जाता है । इनके रंग की उपमा शंख, चन्द्र देव और कंद के फूल से की जाती है । माता का वाहन बैल है । इसलिए इन्हें भी वृषारूढ़ा भी कहा जाता है। इनका ऊपरी दाहिना हाथ अभय मुद्रा में रहता है और निचले हाथ में त्रिशूल है । ऊपर वाले बांये हाथ में डमरू जबकि नीचे वाला हाथ शांत मुद्रा में है। जो लोग अपने अन्न-धन और सुख-समृद्धि में वृद्धि करना चाहते हैं, उन्हें आज महागौरी की उपासना जरूर करनी चाहिए । साथ ही आज आपको महागौरी के इस मंत्र का 21 बार जप करके लाभ उठाना चाहिए । मंत्र इस प्रकार है– सर्वमङ्गलमाङ्गल्ये शिवे सर्वार्थ साधिके। शरण्ये त्र्यम्बके गौरी नारायणी नमोsस्तुते।। इसके अलावा आज देवी मां की पूजा के साथ ही ब्राह्मणों को भोजन भी कराना चाहिए। भोजन कराने के कुछ न कुछ दक्षिणा देकर उनके पैर छूकर आशीर्वाद भी लेना चाहिए। इससे देवी मां बहुत प्रसन्न होती हैं और मन की मुरादें पूरी करती हैं।

ऐसा किया जाता है कन्या पूजन

कुमारिका भोजन की निर्णयसिंधु और दुर्गार्चन पद्धति में कुमारिका भोजन का विधान बताया गया है। कुमारी भोजन के पांच हिस्से हैं- पहला आयी हुयी कन्याओं के हाथ-पैर धुलाना, फिर उनके मस्तक पर टीका लगाना, उनका नीराजन करना, उन्हें भोजन कराना, उन्हें दक्षिणा देना और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करना।इन सब कार्यों के लिये एक उचित दिशा निर्धारित है। उसके अनुसार पूर्व दिशा की ओर मुख करके कन्याओं को अर्घ्य और पद्य देना चाहिए, दक्षिण-पूर्व की ओर मुख करके नीराजन करना चाहिए, उत्तर-पूर्व की ओर मुख करके टीका लगाना चाहिए, सम्मुख होकर उन्हें भोजन देना चाहिए, ऊर्ध्व मुख, यानि ऊपर की ओर देखकर दक्षिणा देनी चाहिए और अधोमुख होकर, यानी पृथ्वी की ओर देखते हुए आशीर्वाद ग्रहण करना चाहिए। इस तरह उचित दिशा के अनुसार सारे कार्य करने से शुभ फल प्राप्त होते हैं और कन्याएं आनन्द से भोजन ग्रहण करती हैं, जिससे घर में भी सब आनन्द ही आनन्द होता है।

साथ ही आज अन्नपूर्णा अष्टमी भी है। दरअसल माँ अन्नपूर्णा भी, दुर्गा जी का ही एक स्वरूप हैं। आज मां अन्नपूर्णा की उपासना के साथ अन्नपूर्णा जी के इस शाबर मंत्र का 108 बार जप करना चाहिए । मंत्र है– ऊँ नम: अन्नपूर्णा अन्न पूरे । घृत पूरे गणेश जी। पाती पूरे ब्रह्मा-विष्णु-महेश तीनों देवतन । मेरी भक्ति, गुरु की शक्ति । श्री गुरू गोरखनाथ की दुहाई । इसके बाद घर में जो भी शुद्ध खाना बना हो, उससे देवी मां को भोग लगाएं और उनकी विधि-पूर्वक पूजा करें । साथ ही घर के भंडार घर में या रसोई घर में घी का एक दीपक जलाएं और किसी ब्राह्मण को आदरपूर्वक भोजन कराएं । इससे आपके घर के भंडार हमेशा भरे रहेंगे। याद दिला दूँ कि बीते हुए कल से शुरू हुआ अन्नपूर्णा परिक्रमा आज रात 9 बजकर 54 मिनट पर समाप्त हो जायेगा। 

(आचार्य इंदु प्रकाश देश के जाने-माने ज्योतिषी हैं, जिन्हें वास्तु, सामुद्रिक शास्त्र और ज्योतिष शास्त्र का लंबा अनुभव है। इंडिया टीवी पर आप इन्हें हर सुबह 7.30 बजे भविष्यवाणी में देखते हैं।)

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