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मेहंदीपुर बालाजी का प्रसाद घर क्यों नहीं लाया जाता है? यहां जाने से पहले जान लीजिए मंदिर से जुड़े जरूरी नियम

Mehandipur Balaji Temple: अगर आप मेहंदीपुर बालाजी मंदिर जाना चाहते हैं तो उससे पहले यहां से जुड़े नियम के बारे में जरूर जान लीजिए। मेहंदीपुर बालाजी का प्रसाद घर नहीं लाया जाता है। इसे लेकर एक बहुत बड़ी वजह है।

Mehandipur Balaji- India TV Hindi Image Source : INDIA TV Mehandipur Balaji

Mehandipur Balaji Mandir: भारत में ऐसे कई दिव्य मंदिर स्थित है, जो अपने रहस्य और दैवीय शक्तियों के लिए प्रसिद्ध है। राजस्थान स्थित मेहंदीपुर बालाजी का मंदिर इन्हीं मंदिरों में से एक है। इस मंदिर को लेकर लोगों की अलग-अलग मान्यताएं हैं। बालाजी के प्रति भक्तों की अपार आस्था है इसलिए यहां हमेशा श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में दूर-दूर से भक्तगण अपनी अर्जी लगाने आते हैं। कहते हैं कि बालाजी के दरबार से कोई भी भक्त खाली हाथ कभी नहीं लौटता है। इसके अलावा बालाजी लोगों के अंदर से हर नकारात्मक शक्तियों को दूर भगा देते हैं। तो चलिए आज जानते मेहंदीपुर बालाजी मंदिर के बारे से जुड़ी मान्यताएं और यहां के नियम के बारे में। 

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में प्रेत-बाधाओं को दूर करने के लिए देनी होती है अर्जी

मेहंदीपुर बालाजी का मंदिर राजस्थान के दौसा जिल के करीब दो पहाड़ियों के बीच स्थित है। इस मंदिर से जुड़ी प्रचलित मान्यता यह है कि यहां हर तरह के जादू-टोना और भूत-प्रेत बाधाओं से व्यक्ति को छुटकारा मिल सकता है। लेकिन इसके लिए सबसे पहले यहां अर्जी लगाई जाती है। अर्जी लगाने के लिए मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में लंबी लाइन लगी रहती है। जानकारी के मुताबिक, हर दिन 2 बजे मंदिर में कीर्तन किया जाता है उसके बाद जो लोग नकारात्मक शक्तियां और ऊपरी चक्कर से पीड़ित है उन्हें इन सब से मुक्त कराया जाता है।

मेहंदीपुर बालाजी में पीछे देखने की होती है मनाही

मेहंदीपुर बालाजी मंदिर में दो तरह के प्रसाद चढ़ाए जाते हैं। एक दर्खावस्त और दूसरी अर्जी। दर्खावस्त का मतलब होता है अर्जी। इस प्रसाद को दो बार खरीदा जाता है। वहीं अर्जी में 3 थालियों में प्रसाद दिया जाता है। दर्खावस्त का प्रसाद चढ़ाने के बाद वहां से तुरंत निकलना पड़ता। वहीं अर्जी के प्रसाद को लौटते समय पीछे फेंकने की प्रथा है। मान्यताओं के अनुसार,  प्रसाद को फेंकने के बाद पीछे मुड़कर नहीं देखना चाहिए। अर्जी वालों को प्रसाद लौटते समय दिया जाता है।

मेहंदीपुर बालाजी का प्रसाद घर क्यों नहीं लाया जाता है?

आमतौर पर हर मंदिर का प्रसाद घर लाना अच्छा माना जाता है लेकिन मेहंदीपुर बालाजी से प्रसाद घर लाने की मनाही होती है। दरअसल, यह मंदिर भूत-प्रेत जैसी बाधाओं से मुक्ति के लिए जाना जाता है। तो कहा जाता है कि अगर यहां का प्रसाद कोई खा लें या अपने साथ घर ले जाए तो उसपर नकारात्मक शक्तियां हावी हो जाती है।

मेहंदीपुर बालाजी से जुड़े जरूर नियम

  • मेहंदीपुर बालाजी के दर्शन के बाद प्रभु राम और माता सीता के दर्शन जरूर करें।
  • बालाजी के दरबार में आने से करीब एक सप्ताह पहले  प्याज, लहसुन, मांस-मदिरा का सेवन बंद कर दें।
  • मेहंदीपुर बालाजी की आरती के समय सिर्फ भगवान की तरफ ही देखें। 
  • आरती के समय पीछे मुड़ना या किसी की आवाज सुन कर पीछे नहीं देखना चाहिए।
  • मेहंदीपुर बालाजी मंदिर का प्रसाद कभी घर लेकर न जाएं।
  • प्रसाद के साथ ही कोई भी खाने-पीने की या अन्य चीजों को भी साथ ले जाना निषेध है।

(Disclaimer: यहां दी गई जानकारियां धार्मिक आस्था और लोक मान्यताओं पर आधारित हैं। इंडिया टीवी इस बारे में किसी तरह की कोई पुष्टि नहीं करता है। इसे सामान्य जनरुचि को ध्यान में रखकर यहां प्रस्तुत किया गया है।)

 

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