A
Hindi News वायरल न्‍यूज नेताजी का 101 साल पुराना रेजिग्नेशन लेटर हुआ वायरल, ज्वाइनिंग के कुछ समय बाद छोड़ दी थी सिविल सर्विस की नौकरी

नेताजी का 101 साल पुराना रेजिग्नेशन लेटर हुआ वायरल, ज्वाइनिंग के कुछ समय बाद छोड़ दी थी सिविल सर्विस की नौकरी

23 जनवरी को नेताजी सुभाष चंद्र की जयंती होती है और इस मौके पर आज नेताजी की तमाम पुरानी तस्वीरें और किस्से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।

नेताजी सुभाष चंद्र बोस का रेजिग्नेशन लेटर- India TV Hindi Image Source : SOCIAL MEDIA नेताजी सुभाष चंद्र बोस का रेजिग्नेशन लेटर

आज 23 जनवरी है और आज ही के दिन 1897 में भारत के वीर सपूत नेताजी सुभाष चंद्र बोस का जन्म हुआ था। आज सुभाष चंद्र बोस की 127वीं जयंती है। इस मौके को देखते हुए सोशल मीडिया पर सुभाष चंद्र बोस का 101 साल पुराना इस्तीफा वायरल हो रहा है। उन्होंने यह इस्तीफा भारतीय सिविल सेवा की नौकरी छोड़ने के लिए दिया था। इंटरनेट पर इस इस्तीफे की एक कॉपी खूब वायरल हो रही है।

बस इतने ही दिन की थी नौकरी

इस लेटर को सोशल मीडिया के प्लेटफॉर्म एक्स पर आईएफएस अधिकारी परवीन कासवान ने शेयर किया है। उन्होंने लेटर को शेयर करते हुए लिखा- 22 अप्रैल, 1921 को सुभाषचंद्र बोस ने स्वतंत्रता संग्राम में भाग लेने के लिए भारतीय सिविल सेवा से इस्तीफा दे दिया। एक बड़े मकसद के लिए। तब उनकी उम्र 24 साल थी। उनका असली त्यागपत्र। नेताजी को जयंती पर कोटि-कोटि नमन। इस इस्तीफा को सुभाष चंद्र बोस ने राज्य सचिव, एडविन मोंटागू को संबोधित करते हुए 22 अप्रैल, 1921 को लिखा था। उन्होंने पत्र में लिखा है- मैं चाहता हूं कि मेरा नाम भारतीय सिविल सेवा में प्रोबेशनरी लिस्ट से हटा दिया जाए। इस त्यागपत्र में उन्होंने 100 पाउंड के भत्ते का भी जिक्र किया है और कहा है कि वह अपना इस्तीफा स्वीकार होते ही भत्ते की रकम को भारत कार्यालय को वापस भेज देंगे।

जयंती के मौके पर इस्तीफा पत्र हो रहा वायरल

इस लेटर को खबर लिखे जाने तक 21 हजार लोगों ने देखा और 600 लोगों ने लाइक किया है। बता दें कि नेता जी ने 1920 में ‘इंडियन सिविल सर्विस’ की परीक्षा दी थी और इसमें उनका चयन हो गया था। उन्होंने यह नौकरी 1 साल से भी कम समय के लिए किया था। ऐसा कहा जाता है कि यह नौकरी उन्होंने अपने पिताजी के लिए की थी। उनके पिता हमेशा से यह चाहते थे कि सुभाष चंद्र बोस सिविल सर्विस में जाएं। इस इस्तीफा के बाद 1921 में बोस आजादी की लड़ाई में कूद गए और 1942 में उन्होंने आजाद हिंद फौज (इंडियन नेशनल आर्मी) की स्थापना की। जिसने अंग्रेजों को दिन में तारे दिखा दिए थे।   

ये भी पढ़ें:

लैपटॉप स्क्रीन पर दिखे रामलला तो पांव छूकर मां ने किया प्रणाम, वायरल तस्वीर ने छू लिया सबका दिल

ड्यूटी करते-करते थक कर हो गए चूर फिर भी जनता की सेवा में लगी रही UP Police, 3 लाख लोगों को कराया रामलला के दर्शन