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Hindi News विदेश अमेरिका कैसा दिखता है मौत के कगार पर पहुंचा सितारा? NASA ने खींची अब तक की सबसे अनोखी तस्वीर; आप भी देखें

कैसा दिखता है मौत के कगार पर पहुंचा सितारा? NASA ने खींची अब तक की सबसे अनोखी तस्वीर; आप भी देखें

इस वक्त नासा का ‘द वेब स्पेस टेलीस्कोप’ काफी ज्यादा चर्चा में बना हुआ है। ‘द वेब स्पेस टेलीस्कोप ने दम तोड़ने कगार पर पहुंचे एक तारे के दुर्लभ पलों को कैद किया है।

NASA- India TV Hindi Image Source : NASA नासा के वेब टेलीस्कोप ने मौत के कगार पर पहुंचे तारे की तस्वीरें खींचीं।

केप केनावरल (अमेरिका): वैसे तो अतीत में भी पृथ्वी पर रहने वाले लोगों ने अंतरिक्ष से धरती का नजारा देखा है। इसके अलावा अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा (NASA) के टेलीस्कोप से ली गई कई अद्भुत चीजों की तस्वीरें देखी हैं। लेकिन इस वक्त नासा का ‘द वेब स्पेस टेलीस्कोप’ काफी ज्यादा चर्चा में बना हुआ है। ‘द वेब स्पेस टेलीस्कोप ने दम तोड़ने कगार पर पहुंचे एक तारे के दुर्लभ पलों को कैद किया है। नासा ने मंगलवार को इसकी तस्वीरें शेयर कीं। इन तस्वीरों में तारों के बीच धूल और गैस जैसी चीजें उड़ती दिख रही हैं। मृत्यु के कगार पर पहुंचे तारे का आधिकारिक नाम डब्ल्यूआर-124 है। यह सूर्य से लगभग 30 गुणा विशाल था।

परियोजना में शामिल यूरोपीय अंतरिक्ष एजेंसी की वैज्ञानिक मैकारेना गार्सिया मारिन ने कहा, “हमने इससे पहले कभी ऐसा नहीं देखा। यह वास्तव में रोमांचक है।” ‘द वेब स्पेस टेलीस्कोप’ 2021 के अंत में स्थापित की गई थी, जिसके बाद से यह उसका पहला प्रेक्षण है।

जेम्स वेब ने पहली बार दिखाई थी सितारे की मौत
आपको बता दें कि इससे पहले जुलाई 2022 में नासा के हबल टेलीस्कोप से ली गई गैलेक्सी और ब्लैक होल सहित कई अद्भुत चीजों की तस्वीरें लोगों ने देखी हैं। नासा के इस टेलीस्कोप ने एक और हैरान कर देने वाला वीडियो शेयर किया था जिसमें सितारे के अंतिम क्षण कैद हो गए थे। तस्वीरें शेयर करते हुए नासा ने कैप्शन में लिखा था, 'वेब ने हमें एक रिंग दी है।' जेम्स वेब के वीडियो में साउदर्न रिंग प्लैनेटरी नेबुला रिकॉर्ड हो गया। नासा ने इस बारे में अपने ब्लॉग में जानकारी देते हुए बताया था कि यह पैलेनेटरी नेबुला गैस और धूल की गेंद हैं, जो मरते हुए सितारों से निकलते हैं।

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सुपरनोवा क्या होता है?
आपको बता दें कि किसी मरते हुए सितारे में होने वाले विस्फोट को सुपरनोवा कहते हैं यानी जब कभी किसी तारे की ऊर्जा यानी ईंधन खत्म हो जाता है तब वो फट जाता है। सुपरनोवा को खोजना आज भी मुश्किलों भरा काम है क्योंकि इनका विस्फोट महज चंद सेकंड्स का ही होता है। विस्फोट के बाद मौजूद धूल और गैस भी कुछ दिनों बाद धीरे-धीरे हल्की होने लगती है ऐसे में टेलीस्कोप का सही समय पर सही दिशा में देखना जरूरी होता है।

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