अमेरिका ने ध्वनि की गति से भी तेज उड़ान भरने वाले पहले एक्स-59 सुपरसोनिक विमान का सफल परीक्षण किया है। खास बात यह है कि इस विमान में कार के गेट को बंद करने जैसी आवाज होती है। यह 1 घंटे में 1508 किलोमीटर की दूरी तय कर सकता है।
Supermoon: आज रात आसमान में दिखने वाला चांद काफी खास दिखाई देगा। इस चांद को सुपरमून कहा गया है। ये चांद साइज में काफी बड़ा और चमकीला भी होगा।
अमेरिका की प्रमुख अंतरिक्ष एजेंसी नासा का शटर डाउन हो गया है। नासा ने आर्थिक कंगाली के चलते अपने कई महत्वूपूर्ण ऑपरेशन बंद करने की जानकारी वेबसाइट पर साझा की है।
आपको बता दें कि महाराष्ट्र सरकार हर साल 51 छात्रों को विद्यार्थी विज्ञान वारी योजना के तहत नासा भेजने की योजना बना रही है। आइए आपको इस योजना के बारे में विस्तार से बताते हैं।
भारत और अमेरिका ने टैरिफ विवाद के बावजूद चंद्रमा और मंगल मिशन में दोस्ती का नया उदाहरण पेश किया है। आने वाले दिनों में दोनों देशों ने अंतरिक्ष में साझेदारी को मजबूत करने वाला कदम उठाया है।
वैज्ञानिकों को मंगल ग्रह पर सूखी नदी के बारे में पता चला है। नासा के रोवर पर्सिवरेंस कमाल का काम किया है। रोवर पर्सिवरेंस लाल ग्रह पर एक सूखी नदी की धारा में चट्टानें खोज निकाली हैं।
क्यूरियोसिटी रोवर द्वारा मंगल ग्रह पर खोजी गई ये अजीबोगरीब संरचनाएं वैज्ञानिक खोज और अन्वेषण के नए रास्ते खोलती हैं। जैसे-जैसे हम मंगल के भूगर्भीय इतिहास और प्राचीन जीवन की संभावनाओं की गहराई में जाते हैं, ये खोजें हमें अंतरिक्ष की असीम संभावनाओं की याद दिलाती हैं।
नासा की योजना है कि वह चंद्रमा पर परमाणु ऊर्जा संयंत्र स्थापित करना चाहता है। अमेरिका ही नहीं चीन भी इस दिशा में कदम उठा रहा है। चलिए आपको बताते हैं कि अंतरिक्ष कानून विशेषज्ञ इस बारे में क्या कहते हैं।
डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन की नजर नासा के अंतरिक्ष मिशनों पर भी लगी हुई है। ट्रंप प्रशासन नासा को लेकर बड़ा कदम उठा रहा है। चलिए जानते हैं कि पूरा मामला क्या है।
NASA और ISRO के सहयोग से बना निसार सैटेलाइट आज लॉन्च होगा। यह दुनिया का पहला डबल रडार वाला पृथ्वी अवलोकन मिशन है, जो भूकंप, बाढ़, फसल और जलवायु परिवर्तन की निगरानी कर वैश्विक आपदा प्रबंधन में क्रांति ला सकता है।
शुभांशु शुक्ला समेत चार अंतरिक्ष यात्री अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से वापस धरती पर लौट आए हैं।
अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन पर 18 दिन बिताने के बाद भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला आज धरती पर लौट आए हैं। इन 18 दिनों में उन्होंने वहां क्या क्या किया और वहां से क्या लेकर लौटे हैं? जानें इस एक्सप्लेनर में...
भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला की सकुशल धरती पर लौटने को लेकर पूरा देश गौरान्वित है। पीएम मोदी ने कहा कि शुभांशु शुक्ला ने अपने समर्पण, साहस और अग्रणी भावना से करोड़ों सपनों को प्रेरित किया है।
भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला अंतरिक्ष से वापस पृथ्वी पर आ गए हैं। हालांकि, अंतरिक्ष से वापसी के बाद भी शुभांशु शुक्ला की राह आसान नहीं होगी। उन्हें कई प्रक्रियाओं से गुजरना पड़ेगा।
भारतीय एस्ट्रोनॉट शुभांशु शुक्ला आज अंतरिक्ष यात्रा से वापस धरती पर लौट आए। इस दौरान उन्होंने और उनकी टीम ने किस तरह धरती पर लैंडिंग की और इस दौरान क्या प्रक्रिया रही? आइये जानते हैं हर एक जानकारी।
शुभांशु शुक्ला एक्सिओम-4 वाणिज्यिक अंतरिक्ष मिशन का हिस्सा हैं और 1984 में राकेश शर्मा के बाद अंतरिक्ष में जाने वाले दूसरे भारतीय हैं। वह और उनकी टीम के तीन अन्य सदस्य आज ड्रैगन अंतरिक्ष यान से अपनी वापसी यात्रा पर निकलने वाले हैं और मंगलवार दोपहर लगभग 3 बजे उनके कैलिफोर्निया के तट पर उतरने की उम्मीद है।
नासा के एक्सिओम-4 मिशन में शामिल भारत के शुभांशु शुक्ला और अन्य अंतरिक्ष यात्रियों के वापस पृथ्वी पर आने की तारीख के बारे में खुलासा कर दिया गया है। आइए जानते हैं इस बारे में।
वैज्ञानिकों के मुताबिक अगर कोई एस्टेरॉयड धरती के वायुमंडल में प्रवेश करता है तो इससे भारी तबाही मच सकती है। अगर कहीं यह पृथ्वी की सतह से टकराया तो एक बड़ा गड्ढा बन सकता है। ऐसे में चलिए आपको एस्टेरॉयड 2023 DW के बारे में बताते हैं।
अंतरिक्ष यात्री अनिल मेनन आठ महीने परिक्रमा प्रयोगशाला में बिताएंगे। उनके साथ रोस्कोस्मोस के अंतरिक्ष यात्री प्योत्र डबरोव और अन्ना किकिना भी होंगे।
भारतीय अंतरिक्ष यात्री शुभांशु शुक्ला स्पेस स्टेशन पहुंच गए हैं और उन्होंने वहां से बात भी की है। वो वहां गाजर का हलवा और आमरस लेकर गए हैं। लेकिन क्या आपको मालूम है कि उस स्पेस स्टेशन की जिंदगी जल्द ही खत्म होने वाली है। जानें उससे जुड़ी खास बातें...
संपादक की पसंद
लेटेस्ट न्यूज़