चंद्रमा की सतह पर विक्रम लैंडर ने जैसे ही सॉफ्ट लैंडिंग की, वैसे ही भारत ने स्पेश मिशन के क्षेत्र में एक नया इतिहास रच दिया और देश के साथ-साथ पूरी दुनिया इसकी साक्षी बनी।
चांद पर चंद्रयान-3 की सफल लैंडिंग होते ही पूरी दुनिया भारत को सलाम ठोक रही है। रूस के राष्ट्रपति पुतिन ने भारत को चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव पर पहुंचने वाला पहला देश बनने पर बधाई दी। वहीं अमेरिका और यूरोप ने भी शाबाश इंडिया कहकर हौसलाफजाई की। चांद की सतह पर इस उपलब्धि के साथ सॉफ्ट लैंडिंग करने वाला भारत चौथा देश बन गया।
आने वाले समय में इसरो चंद्रयान से भी बड़े मिशन लॉन्च करने की तैयारी में है। इसमें गगनयान से लेकर सूर्य मिशन तक शामिल हैं।
Chandrayaan-3 बस दो दिन के इंतजार के बाद Moon पर Land करेगा। चांद पर पिछले 50 साल से कोई मिशन नहीं सफल नहीं हो पाया। लेकिन अब भारत के Chandrayaan-3 से दुनिया को उम्मीदें हैं। चलिए आपको बताते हैं कि कैसा है असल में चांद। Moon Reality Explained
नासा के मुताबिक इस साल जुलाई महीने में साल 1880 के बाद सबसे ज्यादा गर्मी दर्ज की गई है। इसका मुख्य कारण कार्बन उत्सर्जन के कारण हो रहे जलवायु परिवर्तन को बताया गया है।
भारत के लिए आज का दिन बेहद खास है। चंद्रयान 3 आज चांद की कक्षा में चांद से कुछ ही दूरी पर होगा। ये कब और कहां लैंड करेगा..जानिए पूरी डिटेल्स-
अगर आप भी चांद-सितारों में दिलचस्पी रखते हैं तो आज की रात आपके लिए खास होने वाली है। 12 अगस्त को उल्कापिंडों की बारिश होगी, जिसे आप खुली आंखों से देख सकेंगे। क्या आप जानते हैं उल्कापिंडों की बारिश क्यों होती है?
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी नासा ने आखिरकार दो हफ्ते बाद अपने खोए हुए स्पेसक्राफ्ट वोयाजर-2 से दोबारा संपर्क साथ लिया। गलत कमांड के चलते दो हफ्ते पहले इस स्पेसक्राफ्ट से संपर्क टूट गया था।
अमेरिका के नासा अंतरिक्षण स्टेशन में पॉवर कट होने से एक बड़ा हादसा होने से टल गया है। नासा स्टेशन में बिजली कट होने से 7 अंतरिक्ष यात्री कक्षा में फंस गए। इससे अमेरिका में अफरातफरी मच गई।
चंद्रयान-3 14 जुलाई को आंध्र प्रदेश के सतीश धवन स्पेस सेंटर से उड़ान भरेगा। इसरो के इस मिशन का बजट पूरी दुनिया में सबसे कम है। बता दें कि इससे पहले 2019 में इसरो का एक मिशन फेल हो चुका है।
चांद की सतह पर कदम रखने वालों के बारे में आपको तो पता ही होगा। चांद पर पहली बार नील आर्मस्ट्रॉन्ग ने कदम रखा था। जिसके बाद कई लोगों ने चांद पर अपना कदम रखा। उनमें से दो लोगों का चांद पर कदम रखने का वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है।
वैज्ञानिकों ने एक ऐसे अनोखे ग्रह का पता लगाया है जहां एक साल मात्र 23 दिन में पूरे हो जाते हैं। इसके अलावा इस ग्रह की ऐसी कई खूबियां हैं जिसे जानकर आप हैरान रह जाएंगे।
अगर आप बहुत देर तक सो सकते हैं, तो ये अनोखी नौकरी आपके लिए ही है। नासा और यूरोप की स्पेस एजेंसी रिसर्च कर रही है। इस रिसर्च के लिए शर्त रखी गई उसे जान हर कोई हैरान है....
इन दोनों का वजन और आकार हमारी पृथ्वी की तुलना में ज्यादा है। इसलिए इस ग्रह को सुपर अर्थ नाम दिया गया है। बता दें कि यह ग्रह अपने तारों से इतनी दूरी पर हैं कि यहां जीवन पनप सकता है।
मई के महीने में आपको आसमान में बेहद अद्भुत नजारे दिखेंगे जो आपने पहले कभी नहीं देखें होंगे। नासा ने इसे लेकर खास तारीखें जारी की हैं और बताया है किस दिन आप क्या देख सकेंगे। तो हो जाईए तैयार-
नासा ने चार अंतरिक्ष यात्रियों के नामों की घोषणा की है, जो एक साथ चांद पर जाएंगे। इन चारों में अंतरिक्ष यात्री क्रिस्टीना कोच हैं, जो चंद्रमा पर जाने वाली पहली महिला होंगी।
नासा ने जुपिटर ग्रह को लेकर एक बड़ा दावा किया है। नासा ने दावा किया है कि उसके हबल टेलीस्कोप ने एक तस्वीर ली है, जिसमें बताया कि सौर मंडल के सबसे बड़े तूफान का आकार घट रहा है।
वैज्ञानिकों ने चंद्रमा में पानी का जो मैप तैयार किया है उसमें चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव यानी साउथ पोल पर फोकस किया है। वैज्ञानिकों का मानना है कि चंद्रमा में पानी की खोज में इस मैप का बनना एक बड़ा कदम है।
इस वक्त नासा का ‘द वेब स्पेस टेलीस्कोप’ काफी ज्यादा चर्चा में बना हुआ है। ‘द वेब स्पेस टेलीस्कोप ने दम तोड़ने कगार पर पहुंचे एक तारे के दुर्लभ पलों को कैद किया है।
रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस सैटेलाइट को 2024 में आंध्र प्रदेश के सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र से प्रक्षेपित किए जाने की उम्मीद है।
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