नई दिल्ली। जापान की वाहन निर्माता कंपनी निसान ने भारत में अपने अनुसंधान एवं विकास तथा वैश्विक डिजिटल केंद्र को मजबूत बनाने के लिए 1,500 लोगों को नियुक्त करने की योजना बनाई है। कंपनी ने गुरुवार को कहा कि वह निसान और डैटसन ब्रांड के लिए अलग-अलग डीलरशिप के लिए कदम उठाएगी। कंपनी भारत में अपनी मौजूदगी को फिर से स्थापित करने का प्रयास कर रही है और ये कदम उसी का हिस्सा है।
सियाम के सालाना सम्मेलन में संवाददाताओं से बातचीत में निसान के अफ्रीका, पश्चिम एशिया और भारत के चेयरमैन पेमैन कारगर ने कहा कि निसाान नए मॉडल भी लाएगी और इसकी शुरुआत 2019 में किक्स एसयूवी से होगी।
कंपनी के अनुसंधान एवं विकास केंद्र में कर्मचारियों की संख्या फिलहाल करीब 7,000 है। यह केंद्र चेन्नई के समीप है। कंपनी रेनो के साथ अपने गठबंधन के लिए वाहनों का विकास तथा इंजीनियरिंग गतिविधियों को अंजाम दे रही है। कारगर ने कहा कि हम इस क्षेत्र में भारत में और निवेश करने जा रहे हैं। हम इस साल अनुसंधान एवं विकास के लिए 1,000 लोगों को नियुक्त करेंगे और अन्य 500 लोगों की नियुक्ति नए स्थापित डिजिटल केंद्र के लिए की जाएगी।
उन्होंने यह भी कहा कि कंपनी अतिरिक्त कर्मचारियों को घटाएगी। इसकी शुरुआत विनिर्माण खंड से होगी। कारगर ने कहा कि हम उन लोगों को स्वेच्छा से हटाएंगे जहां हमें उनकी जरूरत नहीं है। हालांकि उन्होंने वास्तविक संख्या के बारे में जानकारी नहीं दी।