
Economic slowdown bottomed out, uptick from here onwards, says CEA
नई दिल्ली। मुख्य आर्थिक सलाहकार के. वी. सुब्रमण्यम ने शुक्रवार को कहा कि देश में आर्थिक नरमी अपने निचले स्तर को प्राप्त कर चुकी है और अगले वित्त वर्ष में आर्थिक वृद्धि दर के बढ़कर 6 से 6.5 प्रतिशत के बीच रहने का अनुमान है।
राष्ट्रीय सांख्यिकी संस्थान (एनएसओ) के अग्रिम अनुमान के अनुसार, चालू वित्त वर्ष में देश की आर्थिक वृद्धि दर के 11 साल के निचले स्तर पर पांच प्रतिशत रह सकती है। सुब्रमण्यम की अगुवाई वाली टीम के द्वारा तैयार आर्थिक समीक्षा 2019-20 में अगले वित्त वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) में 6-6.5 प्रतिशत की दर से वृद्धि होने का अनुमान व्यक्त किया गया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा समीक्षा रिपोर्ट को संसद में पेश किए जाने के बाद सुब्रमण्यम ने यहां एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में जितनी सुस्ती आ सकती थी, वह आ चुकी है। अब यहां से इसमें तेजी देखने को मिलेगी।
सरकार की नीतिगत पहलों और सुधारों से देश के खनिज उत्पादन में उल्लेखनीय बदलाव देखने को मिला है। शुक्रवार को संसद में पेश आर्थिक समीक्षा से यह बात सामने आई है। समीक्षा के अनुसार खनिज उत्पादन क्षेत्र में 2018-19 की तुलना में मात्रा के आधार पर 25 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।
खनिज उत्पादन क्षेत्र में इस उल्लेखनीय वृद्धि का कारण सरकार का नीतियों में सुधार करना है। देश में 95 तरह के खनिजों का उत्पादन किया जाता है। इसमें कोयला और लिग्नाइट समेत 4 हाइड्रोकार्बन, पांच परमाणु खनिज, 10 धात्विक खनिज, 21 गैर-धात्विक खनिज और 55 अन्य प्रकार के खनिज हैं। यह खनिज विभिन्न उद्योगों के लिए कच्चा माल उपलब्ध कराते हैं।
समीक्षा के अनुसार चालू वित्त वर्ष में कच्चा कोयला का उत्पादन 8.1 प्रतिशत बढ़ा है। 2018-19 में कुल 73.04 करोड़ टन कोयले का उत्पादन हुआ था। जबकि चालू वित्त वर्ष की अप्रैल-नवंबर अवधि में 41.
05 करोड़ टन कोयले का उत्पादन हो चुका है।