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बैंक में एफडी कराने वालों को हो रहा है नुकसान, महंगाई के चलते मिल रहा है नकारात्मक वास्तविक रिटर्न

विवेक अय्यर ने कहा कि वास्तविक दरें कुछ समय के लिए नकारात्मक रहने वाली हैं और यह जरूरी है कि लोग वित्तीय साक्षरता के आधार पर सही निवेश विकल्प को चुनें।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published : October 13, 2021 14:30 IST
Bank FD to fetch negative real interest with elevated inflation- India TV Paisa
Photo:PTI

Bank FD to fetch negative real interest with elevated inflation

नई दिल्‍ली। अपने पैसे को सुरक्षित रखने और एक सुनिश्चित नियमित आय प्राप्‍त करने के लिए जिन लोगों ने बैंक फ‍िक्‍स्‍ड डिपॉजिट का सहारा लिया था, उन्‍हें अब काफी नुकसान हो रहा है। वरिष्‍ठ नागरिक बैंक एफडी का सहारा अधिक लेते हैं। आरबीआई का कहना है कि बैंक एफडी से आय पर निर्भर वरिष्‍ठ नागरिकों और अन्‍य निवेशकों को मिल रहा ब्‍याज वास्‍तविक महंगाई से कम है। भारतीय रिजर्व बैंक ने अपनी ताजा मौद्रिक नीति समीक्षा में चालू वित्त वर्ष के लिए खुदरा मुद्रास्फीति के 5.3 प्रतिशत पर रहने का अनुमान जताया है।

आरबीआई ने पिछले हफ्ते जारी अपनी मौद्रिक नीति समीक्षा में कहा है कि उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (CPI) आधारित मुद्रास्फीति के 2021-22 के दौरान 5.3 प्रतिशत के स्तर पर रहने का अनुमान है। इस स्तर पर देश के सबसे बड़े ऋणदाता भारतीय स्टेट बैंक (SBI) के पास एक वर्ष के लिए एफडी कराने पर नकारात्मक ब्याज मिलेगा और बचतकर्ता के लिए वास्तविक ब्याज दर नकारात्मक 0.3 प्रतिशत होगी। वास्तविक ब्याज दर बैंक द्वारा दी जा रही ब्याज दर में मुद्रास्फीति की दर को घटाकर जानी जा सकती है।

अगस्त में खुदरा महंगाई दर 5.3 फीसदी रही। इसी तरह 2-3 साल की अवधि के लिए मिलने वाली ब्याज दर, चालू वित्त वर्ष के लिए अनुमानित मुद्रास्फीति से कम है। निजी क्षेत्र का अग्रणी एचडीएफसी बैंक 1-2 साल की सावधि जमा के लिए 4.90 प्रतिशत ब्याज दर की पेशकश करता है, जबकि 2-3 साल के लिए यह 5.15 प्रतिशत है। हालांकि, सरकार द्वारा चलाई जाने वाली छोटी बचत योजनाएं, बैंकों की सावधि जमा दरों की तुलना में बेहतर रिटर्न दे रही हैं। छोटी बचत योजनाओं के तहत 1-3 साल की सावधि जमाओं के लिए ब्याज दर 5.5 प्रतिशत है, जो मुद्रास्फीति लक्ष्य से अधिक है।

ग्रांट थॉर्नटन इंडिया के पार्टनर विवेक अय्यर ने कहा कि वास्तविक दरें कुछ समय के लिए नकारात्मक रहने वाली हैं और यह जरूरी है कि लोग वित्तीय साक्षरता के आधार पर सही निवेश विकल्प को चुनें। रिसर्जेंट इंडिया के प्रबंध निदेशक ज्योति प्रकाश गाडिया ने कहा कि अधिक जोखिम वाले विकल्पों ने अभूतपूर्व वृद्धि दिखाई है, जिसके मुद्रास्फीति पर काबू पाने या बैंक जमा दरों में बढ़ोतरी होने तक जारी रहने की उम्मीद है। 

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