नई दिल्ली। खाड़ी क्षेत्र में फौजी तनाव से कच्चे तेल में आग लगी हुई है। कच्चे तेल के दाम में जोरदार उछाल आया है। बेंचमार्क कच्चा तेल ब्रेंट क्रूड का भाव सोमवार को एक बार फिर 70 डॉलर प्रति बैरल के पार चला गया है। इससे पहले सितंबर में सऊदी अरामको पर हमले के बाद ब्रेंट का भाव 70 डॉलर से ऊपर उछला था। इससे पहले सितंबर में सऊदी अरामको पर हमले के बाद ब्रेंट का भाव 70 डॉलर से ऊपर उछला था। अमेरिका और ईरान के बीच ठन जाने से खाड़ी क्षेत्र में फौजी तनाव गहराता जा रहा है। कच्चे तेल की आपूर्ति बाधित होने की आशंकाओं से दाम में लगातार तेजी बनी हुई है। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम में सोमवार को दो फीसदी से ज्यादा की तेजी आई, जबकि भारतीय वायदा बाजार में कच्चे तेल के भाव में तीन फीसदी से ज्यादा का उछाल आया।
मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज यानी एमसीएक्स पर पूर्वाह्न् 11.06 बजे कच्चे तेल के जनवरी अनुबंध में 142 रुपए यानी 3.16 फीसदी की तेजी के साथ 4,641 रुपए प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था, जबकि इससे पहले कारोबार के दौरान कच्चे तेल के दाम में 4,670 रुपए प्रति बैरल तक का उछाल आया। अंतर्राष्ट्रीय वायदा बाजार इंटरकांटिनेंटल एक्सचेंज यानी आईसीई पर बेंट्र क्रूड के मार्च डिलीवरी अनुबंध में पिछले सत्र के मुकाबले 2.36 फीसदी की तेजी के साथ 70.22 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था, जबकि कारोबार के दौरान ब्रेंट क्रूड 70.75 डॉलर प्रति बैरल तक उछला। इससे पहले ब्रेंट का दाम 16 सितंबर, 2019 को 71.95 डॉलर प्रति बैरल तक चला गया था। कच्चे तेल की आपूर्ति बाधित होने की आशंकाओं से दाम में लगातार तेजी बनी हुई है।
भारत में होगा ये असर
गौरतलब है कि कच्चे तेल के दामों में तेजी का सीधा असर भारत पर भी पड़ेगा। आने वाले दिनों में पेट्रोल-डीजल की कीमतों में बड़ी तेजी देखने को मिल सकती है। बता दें कि, भारत के लिए ईरान कई मायनों में महत्वपूर्ण है। चीन के बाद भारत ही है, जो ईरान से सर्वाधिक तेल खरीदता है। भारत में पेट्रोल-डीजल के दाम बढ़ने से इसका सीधा असर खाने-पीने के सामानों पर पड़ेगा। विशेषज्ञों का मानना है कि अगर मीडिल ईस्ट में तनाव इसी तरह बढ़ता रहा तो भारत में पेट्रोल की कीमतें 90 रुपए प्रति लीटर के पार जा सकती हैं।
खाड़ी क्षेत्र में संकट और गहराया
वहीं, न्यूयार्क मर्के टाइल एक्सचेंज यानी नायमैक्स पर अमेरिकी लाइट क्रूड वेस्ट टेक्सास इंटरमीडिएट यानी डब्ल्यूटीआई के फरवरी अनुबंध में दो फीसदी की तेजी के साथ 64.31 डॉलर प्रति बैरल पर कारोबार चल रहा था। अंतर्राष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल का दाम साढ़े तीन महीने के ऊंचे स्तर पर बना हुआ है। अमेरिका और ईरान के बीच टकराव से खाड़ी क्षेत्र में फौजी तनाव बना हुआ है और इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा इराक पर प्रतिबंध लगाने की चेतावनी दिए जाने से खाड़ी क्षेत्र का संकट गहराता जा रहा है। ऐसे में तेल के दाम में तेजी बनी रह सकती है।
तेल आपूर्ति हुई बाधित तो स्थिति होगी खतरनाक
एंजेल ब्रोकिंग के डिप्टी वाइस प्रेसीडेंट (एनर्जी व करेंसी रिसर्च) अनुज गुप्ता ने बताया कि इस क्षेत्र से दुनिया को 40 फीसदी से ज्यादा तेल की आपूर्ति होती है और फौजी तनाव की स्थिति में तेल की आपूर्ति बाधित हो सकती है, जिससे कीमतों में और तेजी आ सकती है। उन्होंने बताया कि ब्रेंट क्रूड में 70-75 डॉलर प्रति बैरल तक जा जा सकता है, जबकि डब्ल्यूटीआई का भाव 68 डॉलर प्रति बैरल को छू सकता है।