नई दिल्ली। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को खनिज कानून संशोधन अध्यादेश 2020 को मंजूरी प्रदान कर दी है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में इस आशय के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक के बाद कोयला मंत्री प्रह्लाद जोशी ने संवाददाताओं को बताया कि इस अध्यादेश के माध्यम से खनिज विकास एवं नियमन अधिनियम 1957 और कोयला खान विशेष प्रावधान अधिनियम 2015 में संशोधन का प्रावधान किया गया है। उन्होंने बताया कि इसके माध्यम से कोयला एवं खनन क्षेत्र में नए युग का सूत्रपात होगा।
जोशी ने बताया कि भारत में कोयले की मांग काफी अधिक है लेकिन बड़े पैमाने पर इसका आयात किया जाता है। यह अध्यादेश सभी क्षेत्रों के लिए कोयला खनन को खोलने और कोयला खदानों की नीलामी के नियम को आसान करेगा।
अध्यादेश से 31 मार्च, 2020 से पहले 46 आयरन ओर एवं अन्य खदानों की नीलामी का रास्ता साफ होगा। 46 खानों की खनन पट्टे की अवधि 31 मार्च 2020 को समाप्त हो रही है, नीलामी की अनुमति से उत्पादन कार्य जारी रखते हुए इनका आसानी से हस्तांतरण किया जा सकेगा।
इसके अलावा केंद्रीय मंत्रिमंडल ने नीलांचल इस्पात निगम में छह सार्वजनिक उपक्रमों की हिस्सेदारी बेचने की को भी मंजूरी प्रदान की है। सरकार ने पूर्वोत्तर क्षेत्र में 9,265 करोड़ रुपए की लागत से तैयार हो रही 1,656 किलोमीटर लंबी गैस ग्रिड के निर्माण के लिए 5,559 करोड़ रुपए की वित्त पोषण सुविधा देने को भी मंजूरी दी है।