नई दिल्ली। वैश्विक प्रणाली में एक ‘प्रभावी” देश के तौर पर भारत की रैकिंग अभी नीचे है और बहु-ध्रुवीय होती इस व्यवस्था में अब भी पुरानी ताकतों अमेरिका, ब्रिटेन और जापान का दबदबा बना हुआ है।
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क्रेडिट सुइस ने जारी की नई रिपोर्ट
क्रेडिट सुइस रिसर्च इंस्टीट्यूट ने यह बात अपनी गेटिंग ओवर ग्लोबलाइजेशन रिपोर्ट में कही है। इस रिपोर्ट में अर्थव्यवस्था के आकार, कठोर शक्ति, सौम्य और कूटनीतिक शक्ति, सरकार के कामकाज की गुणवत्ता और विशिष्टता के मानदंडों पर भारत को पांच में से दो अंक दिए गए हैं। इस प्रकार उसका ‘प्रभाव’ वैश्विक व्यवस्था में कम है।
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अमेरिका, जापान और ब्रिटेन को मिले सबसे ज्यादा नंबर
- रिपोर्ट के अनुसार, इन्हीं मानदंडों पर विश्व की पारंपरिक शक्तियों, मसलन अमेरिका, ब्रिटेन और जापान को अच्छे अंक मिले हैं और वैश्विक व्यवस्था में उनका दबदबा कायम है।
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सर्वे पर आधारित है ये रिपोर्ट
- इस रिपोर्ट को एक मतदान आधारित सर्वे के आधार पर तैयार किया है।
- इसमें अमेरिका समेत कई छोटे देश जैसे कि लक्जमबर्ग, हॉन्गकॉन्ग, सिंगापुर, स्विट्जरलैंड, बेल्जियम, आयरलैंड, डेनमार्क और आइसलैंड को पांच अंक प्रदान किए गए हैं जो सबसे ज्यादा है।
- ब्रिटेन, जर्मनी, फ्रांस, इटली और स्पेन को इसमें चार अंक दिए गए हैं। चीन को तीन अंक जबकि भारत, ब्राजील और रूस को दो और दक्षिण अफ्रीका को एक अंक प्रदान किया गया है।



































