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न्यायालय ने यस बैंक, पीएमसी बैंक के ग्राहकों से अलग-अलग व्यवहार पर RBI और केंद्र से जवाब मांगा

दिल्ली उच्च न्यायालय ने आरबीआई और केंद्र सरकार से पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ओपरेटिव बैंक (पीएमसी) और यस बैंक के जमाकर्ताओं के साथ अलग अलग व्यवहार को लेकर सवाल उठाया है।

Written by: IndiaTV Hindi Desk
Published : June 26, 2020 18:34 IST
Delhi HC, RBI, Centre, depositors, PMC Bank, Yes Bank- India TV Paisa
Photo:FILE PHOTO

Delhi HC asks RBI, Centre to explain how depositors of PMC Bank 'differently circumstanced' in comparison to Yes Bank

नयी दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) और केंद्र सरकार से पंजाब एंड महाराष्ट्र को-ओपरेटिव बैंक (पीएमसी) और यस बैंक के जमाकर्ताओं के साथ अलग अलग व्यवहार को लेकर सवाल उठाया है। न्यायालय ने पूछा है कि घोटाले से प्रभावित पीएमसी बैंक के ग्राहक यस बैंक के ग्राहकों के मुकाबले किस प्रकार से अलग हैं। उल्लेखनीय है कि यस बैंक के मामले में तुरंत कार्रवाई करते हुये सरकार कदम उठाया और भारतीय स्टेट बैंक सहित कई निवेशकों में बैंक में पूंजी डाली। 

अदालत ने पाया कि केंद्र सरकार की मार्च की अधिसूचना के मुताबिक यस बैंक को उबारने में केंद्रीय बैंक और सरकार की भूमिका काफी अहम रही। पहले यस बैंक लिमिटेड पुनर्गठन योजना 2020 लायी गयी और बाद में इसमें निवेश भी किया गया। अदालत एक याचिका पर सुनवाई कर रही थी जिसमें रिजर्व बैंक को पीएमसी बैंक में रखी गई जमा की सुरक्षा और घटनाक्रम के बारे में वक्तव्य जारी करने का निर्देश देने का आग्रह किया गया है। इसके साथ ही यह सुनिश्चित करने को कहा गया है कि जमाकर्ताओं को उनकी राशि का ब्याज सहित पूरा भुगतान किया जाना चाहिये। 

न्यायमूर्ति राजीव शकधर को केन्द्र ने सूचित किया कि भारत सरकार ने घोटाले से प्रभावित यस बैंक में किसी तरह का निवेश नहीं किया। यहां तक कि सरकारी बैंक एसबीआई ने भी पुनर्गठन योजना मंजूर होने के बाद यस बैंक की शेयर पूंजी में निवेश किया है। केंद्र सरकार का यह जवाब अदालत के पिछले सवाल पर आया है जिसमें अदालत ने सरकार से पीएमसी बैंक को किसी तरह की मदद देने अथवा उसमें कोई कोष डालने के उसके इरादे के बारे में पूछा था, जैसा उसने कथित तौर पर यस बैंक के मामले में किया। इसके बाद अदालत ने बृहस्पतिवार को आदेश जारी किया जो शुक्रवार को उपलब्ध हुआ। 

अदालत ने कहा, 'ऐसी परिस्थिति में रिजर्व बैंक हलफनामा दायर कर बताए कि यस बैंक के जमाकर्ताओं के हितों की सुरक्षा के लिए 'जनहित' में काम करने के लिए किसने उसे प्रेरणा दी और केंद्र सरकार यह बताए कि उसने इसके लिए पुनर्गठन योजना क्यों मंजूर की।' अदालत ने आरबीआई और केंद्र सरकार को अतिरिक्ति हलफनामा दायर कर उन दस्तावेजों को अदालत के संज्ञान में लाने के लिए कहा जो उसके यस बैंक को बचाने के निर्णय और पुनर्गठन योजना को मंजूर करने के कारणों की पुष्टि करें। अदालत ने दोनों को इसके लिए तीन हफ्ते का समय दिया है। मामले पर अगली सुनवायी छह अगस्त को होगी।

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