नई दिल्ली। उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्द्धन विभाग (डीपीआईआईटी) देश में स्टार्टअप के समर्थन के लिए दो योजनाओं पर काम कर रहा है। ये योजनाएं ऋण गारंटी और शुरुआती पूंजी से जुड़ी हैं। डीपीआईआईटी के सचिव गुरुप्रसाद महापात्र ने यह जानकारी दी। महापात्र ने कहा कि इन दोनों योजनाओं के तौर-तरीके तय करने के लिए एक अंतर-मंत्रालयी विचार-विमर्श की प्रक्रिया चल रही है।
महापात्र ने कहा कि हम ऋण गारंटी और शुरुआती पूंजी योजना पर काम कर रहे हैं। दोनों पर अंतर-मंत्रालयी विचार-विमर्श चल रहा है। उन्होंने कहा कि ऋण गारंटी योजना के लिए एक कोष है जिसे बैंकों को दिया जाएगा। बैंक इसका इस्तेमाल स्टार्टअप को कर्ज देने के लिए कर सकते हैं। महापात्र ने कहा कि इससे बैंकों को ऋण देने में सुविधा होगी। यह ऋण के लिए होगा, उद्यम पूंजी के लिए नहीं।
शुरुआती पूंजी की योजना पर महापात्र ने कहा कि ज्यादातर स्टार्टअप को विचार के स्तर पर धन जुटाने में परेशानी आती है। सचिव ने कहा कि गुजरात और केरल जैसे कुछ राज्यो में शुरुआती पूंजी की योजना है, लेकिन यह काफी छोटी है। केंद्र सरकार के मंत्रालयों की भी योजना है। लेकिन हम अखिल भारतीय स्तर की योजना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि दोनों योजनाओं के लिए वित्त मंत्रालय की मंजूरी की जरूरत होगी। उसके बाद डीपीआईआईटी दोनों योजनाओं के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल की अनुमति लेगा। महापात्र ने कहा कि कुछ स्टार्टअप ने कर्मचारी शेयर विकल्प योजना (इसॉप) को लेकर कुछ मुद्दे उठाए हैं। हमने इसे राजस्व विभाग को भेज दिया है।
गुजरात सरकार महिलाओं को देगी ब्याज मुक्त कर्ज
गुजरात सरकार ने कहा कि वह कोविड-19 महामारी के समय महिलाओं में स्व-रोजगार को बढ़ावा देने के लिए ब्याज मुक्त कर्ज देने को लेकर विशेष योजना शुरू करेगी। यह योजना प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर को शुरू होगी। आधिकारिक विज्ञप्ति के अनुसार मुख्यमंत्री महिला कल्याण योजना (एमएमकेएस) के तहत प्रत्येक 10 सदस्यों वाले महिला स्वयं सहायता समूह को एक लाख रुपए का कर्ज दिया जाएगा। सरकार कर्ज पर जो भी ब्याज होगा, उसका वहन करेगी।
बयान के अनुसार योजना के तहत कुल एक लाख स्वयं सहायता समूह को मदद दी जाएगी। इसमें 50,000 ग्रामीण क्षेत्रों के 50,000 शहरी क्षेत्रों के स्वयं सहायता समूह होंगे। विज्ञप्ति के अनुसार गुजरात सरकार ने महिलाओं को स्व-रोजगार के लिए प्रोत्साहित करने के इरादे से योजना लाने का निर्णय किया है। इसके तहत बिना ब्याज के कर्ज दिया जाएगा। योजना से महिला आत्मनिर्भर हो सकेंगी और वे अपने परिवार को कोरोनो वायरस महामारी के दौरान मदद कर सकेंगी।