
Real Estate । File Photo
नयी दिल्ली। आवासीय रियल एस्टेट बाजार इस समय दबाव में है। बड़े पैमाने पर फ्लैट बने हुए हैं लेकिन बिक नहीं पा रहे हैं। आर्थिक समीक्षा 2019-20 में सुझाव दिया गया है कि यदि बिल्डर कुछ घाटा सहने को तैयार हों और फ्लैटों के दाम घटाएं तो वे इनको बेच सकते हैं। समीक्षा कहती है कि यदि बिल्डर इस बारे में फैसला करते हैं तो बैंकों और गैर बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के बही खाते पर सकारात्मक असर पड़ेगा।
समीक्षा में संपत्ति की कीमतों में ‘करेक्शन’ की वकालत की गई है। इसमें कहा गया है कि 2015-16 से फ्लैटों की कीमतें ठहरी हुई हैं लेकिन इसके बावजूद अब भी ये काफी ऊंचे स्तर पर हैं। समीक्षा कहती है कि सरकार रियल एस्टेट क्षेत्र को प्रोत्साहन और देश में निर्माण गतिविधियां बढ़ाने के लिए सस्ते मकान बनाने पर जोर दे रही है। आवास क्षेत्र में परिवारों का निवेश बढ़ने से अर्थव्यवस्था में निश्चित निवेश बढ़ेगा।