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मॉर्गन स्टेनली ने दूसरी बार घटाया फ्लिपकार्ट का मूल्यांकन, 10 अरब डॉलर से नीचे आई वैल्‍यूएशन

फ्लिपकार्ट के लिए आगे का रास्ता आसान नहीं होगा। मॉर्गन स्टेनली प्रबंधित एक म्यूचुअल फंड ने ई-कॉमर्स कंपनी में अपने शेयरों का मूल्य 15.5 फीसदी घटा दिया है।

Dharmender Chaudhary Dharmender Chaudhary
Updated on: May 27, 2016 22:24 IST
मॉर्गन स्टेनली ने दूसरी बार घटाया फ्लिपकार्ट का मूल्यांकन, 10 अरब डॉलर से नीचे आई वैल्‍यूएशन- India TV Paisa
मॉर्गन स्टेनली ने दूसरी बार घटाया फ्लिपकार्ट का मूल्यांकन, 10 अरब डॉलर से नीचे आई वैल्‍यूएशन

नई दिल्ली। भारत की प्रमुख ई-कॉमर्स कंपनी फ्लिपकार्ट के लिए आगे का रास्ता आसान नहीं होगा। मॉर्गन स्टेनली प्रबंधित एक म्यूचुअल फंड ने भारतीय ई-कॉमर्स कंपनी में अपने शेयरों का मूल्य 15.5 फीसदी घटा दिया है। इससे फ्लिपकार्ट का मूल्यांकन 10 अरब डॉलर से कम हो गया है। फ्लिपकार्ट के शेयरों के मूल्य को ऐसे समय घटाया गया है, जब उसकी अमेरिकी प्रतिद्वंद्वी अमेजन भारतीय ई-कॉमर्स बाजार में तेजी से अपनी पैठ बनाने में लगी है।

कई अन्य निवेशकों मसलन फिडेलिटी इन्वेस्टमेंट्स और टीरो प्राइस भी पूर्व में कंपनी में अपने शेयरों का मूल्य घटा चुका हैं। फ्लिपकार्ट को भारतीय ई-कॉमर्स उद्योग का चेहरा माना जाता है। अमेरिका में एसईसी के समक्ष दी जानकारी में मार्च, 2016 में मॉर्गन स्टेनली ने फ्लिपकार्ट में अपने शेयरों का मूल्य घटाकर 87.9 डॉलर प्रति शेयर कर दिया है। दिसंबर, 2015 में यह 103.9 डॉलर प्रति शेयर था। दिसंबर का मूल्य भी पिछले साल सितंबर के 135.8 डॉलर प्रति शेयर से 23 फीसदी कम किया गया था।

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एडलवेस के जेपी मॉर्गन के भारत में एमएफ कारोबार अधिग्रहण को हरी झंडी 

वित्तीय सेवा कंपनी एडलवेस को भारत में जेपी मॉर्गन के म्यूचुअल फंड कारोबार के अधिग्रहण के लिए भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (सीसीआई) की मंजूरी मिल गई है। इस सौदे की घोषणा मार्च में की गई थी। इससे एक और विदेशी कोष इकाई 13 लाख करोड़ रुपए के घरेलू म्यूचुअल फंड उद्योग से बाहर हो जाएगा। पूर्व के वर्षों में कई वैश्विक कंपनियां भारतीय म्यूचुअल फंड कारोबार से हट चुकी हैं।

अनुचित व्यापार व्यवहार पर निगाह रखने वाले प्रतिस्पर्धा आयोग ने सौदे को मंजूरी दे दी है। नियामक की वेबसाइट पर यह जानकारी दी गई है। सौदे के तहत एडलवेस भारत में जेपी मॉर्गन एसेट मैनेजमेंट की सभी ऑनशोर कोष योजनाओं का अधिग्रहण करेगी। इसमें देश में ऑनशोर म्यूचुअल फंड कारोबार तथा इंटरनेशनल फंड ऑफ फंड्स भी शामिल है।

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