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अर्थव्यवस्था में तेजी से हो रहा सुधार, तीसरी तिमाही में आ सकती है बढ़त: आरबीआई लेख

कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित भारतीय अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 23.9 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आयी। वहीं दूसरी तिमाही में गिरावट कम होकर 7.5 प्रतिशत रही। दूसरी तिमाही के लिए पहले 9 फीसदी से ज्यादा की गिरावट का अनुमान लगाया गया था।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Updated on: December 24, 2020 18:45 IST
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Photo:FILE PHOTO

अर्थव्यवस्था में तेज रिकवरी

नई दिल्ली। देश की अर्थव्यवस्था विभिन्न अनुमानों की तुलना में तेजी से कोविड-19 महामारी के दुष्प्रभाव से बाहर आ रही है और आर्थिक वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में ही सकारात्मक दायरे में आ जाएगी। भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) के अधिकारियों के एक लेख में यह कहा गया है। लेख के मुताबिक इस बात के कई साक्ष्य हैं कि भारतीय अर्थव्यवस्था कोविड-19 महामारी के बाद आई गिरावट से तेजी से बाहर आ रही है। सरकार के मौद्रिक एवं राजकोषीय प्रोत्साहन उपायों के जरिये अनुमानों के विपरीत अर्थव्यवस्था तेजी से आगे बढ़ रही है। लेख पर हालांकि रिजर्व बैंक ने साफ किया है कि इसमें लेखकों के अपने विचार हैं और जरूरी नहीं कि वो आरबीआई के विचारों के मुताबिक हों। लेकिन इससे पहले रिजर्व बैंक भी मान चुका है कि अर्थव्यवस्था में अनुमानों से तेज रिकवरी हो रही है। कोरोना वायरस महामारी से प्रभावित भारतीय अर्थव्यवस्था में चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 23.9 प्रतिशत की बड़ी गिरावट आयी। वहीं दूसरी तिमाही में गिरावट कम होकर 7.5 प्रतिशत रही।

रिपोर्ट का हवाला देते हुए लेख में कहा गया है, ‘‘वास्तविक जीडीपी वृद्धि दर तीसरी तिमाही में सकारात्मक दायरे में आ सकती है। हालांकि, इस दौरान यह वृद्धि दर केवल 0.1 प्रतिशत रह सकती है।’’ इसमें कहा गया है कि दो महत्वपूर्ण कारक अर्थव्यवस्था में सकारात्मक बदलाव ला रहे हैं। लेख में कहा गया है, ‘‘पहला, भारत में कोविड संक्रमण की दर कम हुई है। सितंबर के मध्य से स्थानीय स्तर पर कुछ मामलों में वृद्धि को छोड़ दिया जाए तो इसमें गिरावट की प्रवृत्ति है इससे निवेश और खपत मांग को समर्थन मिल रहा है।’’ वहीं ‘‘प्रधानमंत्री गरीब कल्याण पैकेज में उपभोग व्यय से आत्मनिर्भर भारत 2.0 और 3.0 में निवेश खर्च पर ध्यान देकर राजकोषीय उपायों के जरिये एक महत्वपूर्ण बदलाव लाया गया है।’’

रिपोर्ट में कहा गया है कि महत्वपूर्ण आंकड़ों (पीएमआई, बिजली खपत, माल ढुलाई, जीएसटी) के आधार पर यह पता चलता है कि आर्थिक गतिविधियों में 2020-21 की दूसरी छमाही से जो तेजी आयी है, वह आगे भी बनी रहेगी। भारत में संक्रमण के दूसरे दौर की आशंका अब तक नदारद है। इसके साथ उपयुक्त वृहत आर्थिक नीतियों के साथ ‘लॉकडाउन’ में सही समय पर तेजी से ढील दिये जाने से अर्थव्यवस्था में गतिविधियां सामान्य हुई है और अब इसमें तेजी आ रही है।

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