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वित्त मंत्री के सामने पेश हुए इन्फोसिस सीईओ, आयकर पोर्टल में दिक्कत पर किया गया था तलब

नए आयकर पोर्टल को सात जून को शुरू किया गया था। शुरुआत से ही पोर्टल में दिक्कतें आ रही हैं। यूजर्स लगातार शिकायत कर रहे हैं कि या तो पोर्टल अनुपलब्ध है या काफी धीमी रफ्तार से काम कर रहा है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated : August 23, 2021 16:16 IST
वित्त मंत्री के सामने...- India TV Paisa
Photo:PTI

वित्त मंत्री के सामने पेश हुए इन्फोसिस सीईओ

नई दिल्ली। इन्फोसिस के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) सलिल पारेख वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण के सामने पेश हुए हैं। दरअसल आयकर विभाग के नए पोर्टल में दिक्कते जारी रहने के बाद उन्हें समन भेजा गया था।  इन्फोसिस द्वारा विकसित नया आयकर ई-फाइलिंग पोर्टल 7 जून को टैक्स फाइलिंग प्रक्रिया को आसान बनाने और रिफंड के मुद्दे को तेज करने के लिए लॉन्च किया गया था। हालांकि, करदाताओं को पोर्टल की स्थापना के बाद से इसका उपयोग करने में कई समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है।

सीईओ को भेजा गया था समन

आयकर विभाग ने एक ट्वीट के जरिये लिखा था कि वित्त मंत्रालय ने इन्फोसिस के एमडी और सीईओ सलिल पारेख को 23 अगस्त को तलब किया है और कहा है कि वो वित्त मंत्री के सामने बतायें कि क्यों ढाई महीने के बाद भी नई ई-फिलिंग पोर्टल में गड़बड़ियां बनी हुई हैं और 21 अगस्त से पोर्टल आयकर दाताओं के लिये उपलब्ध ही नहीं है। ये मामला संसद में भी उठ चुका है, जिसके बाद सरकार ने गड़बड़ी जल्द ठीक कराने का आश्वासन दिया था। इसी समन के बाद आज सीईओ वित्त मंत्री के सामने पेश हुए हैं। 

शुरुआत के साथ ही जारी हैं दिक्कतें
 इन्फोसिस द्वारा विकसित नए आयकर दाखिल करने के पोर्टल ‘इनकमटैक्स.जीओवी.इन’ को सात जून को शुरू किया गया था। शुरुआत से ही पोर्टल को लेकर दिक्कतें आ रही हैं। यूजर्स लगातार इस बात की शिकायत कर रहे हैं कि या तो पोर्टल अनुपलब्ध है या काफी धीमी रफ्तार से काम कर रहा है। इसी के मद्देनजर आयकर विभाग ने रेमिटेंस फॉर्म को मैनुअल तरीके से दाखिल करने की अनुमति दी है। साथ ही इलेक्ट्रॉनिक तरीके से फॉर्म जमा करने की तारीख को आगे बढ़ाया है। पोर्टल के शुरू होने के एक पखवाड़े के अंदर यूजर्स की ओर से शिकायतें आने के बाद वित्त मंत्री सीतारमण ने 22 जून को इन्फोसिस के महत्वपूर्ण अधिकारियों को पोर्टल से संबंधित मुद्दों पर विचार-विमर्श के लिए बुलाया था। उस समय वित्त मंत्री ने कंपनी के अधिकारियों से सभी मुद्दों को बिना किसी देरी के हल करने को कहा था। साथ ही उन्होंने सेवाओं में सुधार तथा शिकायतों को प्राथमिकता के आधार पर दूर करने के लिए भी कहा था। इस बैठक के बाद जारी आधिकारिक बयान में कहा गया था कि इन्फोसिस के सीईओ पारेख तथा मुख्य परिचालन अधिकारी (सीओओ) प्रवीन राव ने कंपनी के अन्य अधिकारियों के साथ अंशधारकों द्वारा उठाए गए मुद्दों पर गौर किया है। उन्होंने पोर्टल के कामकाज के तकनीकी मुद्दों की बात को स्वीकार किया है। 

हो चुका है 164 करोड़ रुपये का भुगतान
इन्फोसिस को अगली पीढ़ी की आयकर दाखिल करने वाली प्रणाली विकसित करने का अनुबंध 2019 में मिला था। इसका उद्देश्य तहत रिटर्न के प्रसंस्करण की अवधि को 63 दिन से घटाकर एक दिन करना था। जून, 2021 तक सरकार ने इन्फोसिस को पोर्टल के विकास के लिए 164.5 करोड़ रुपये का भुगतान किया है। 

 

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