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भारत के सभी शहरों को स्‍वच्‍छ बनाने पर खर्च होंगे 141600 करोड़ रुपये, स्वच्छ भारत मिशन 2025-26 तक चलेगा निरंतर

2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए, 36,465 करोड़ रुपये की केंद्रीय हिस्सेदारी के साथ एसबीएम-यू 2.0 के लिए कुल 1,41,600 करोड़ रुपये का वित्तीय परिव्यय तय किया गया है, जो मिशन के पिछले चरण के 62,009 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय से 2.5 गुना ज्यादा है।

Edited by: India TV Paisa Desk
Published : October 13, 2021 16:17 IST
Modi Govt will spent Rs141600 crore on Swachh Bharat Mission Urban- India TV Paisa
Photo:PTI

Modi Govt will spent Rs141600 crore on Swachh Bharat Mission Urban

नई दिल्‍ली। भारत के सभी शहरों को कचड़ा मुक्‍त बनाने के लक्ष्‍य को हासिल करने के लिए मोदी सरकार अगले पांच सालों के दौरान भारी रकम खर्च करेगी। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने स्वच्छ भारत मिशन (शहरी) को 2025-26 तक जारी रखने को मंजूरी प्रदान की है। इस मिशन के तहत खुले में शौच से मुक्त (ओडीएफ) के परिणामों पर जोर, सभी शहरों में ठोस कचरे का वैज्ञानिक प्रसंस्करण शुरू करने और जनगणना 2011 में 1 लाख से कम आबादी वाले शहरों (ऐसे शहर जिन्हें अटल नवीकरण और शहरी परिवर्तन मिशन (अमृत) में शामिल नहीं किया गया था) में अपशिष्ट जल के प्रबंधन पर जोर दिया जाएगा।

एसबीएम-यू 2.0 का मुख्य जोर हासिल की गई स्वच्छता और ठोस कचरा प्रबंधन के परिणामों को बनाए रखना व उनकी गति बढ़ाने पर होगा, जिससे मिशन के गारबेज मुक्त शहरी भारत के लक्ष्य को हासिल किया जा सके।

एसबीएम-शहरी 2.0 के तहत वित्तीय परिव्यय

2021-22 से 2025-26 की अवधि के लिए, 36,465 करोड़ रुपये की केंद्रीय हिस्सेदारी के साथ एसबीएम-यू 2.0 के लिए कुल 1,41,600 करोड़ रुपये का वित्तीय परिव्यय तय किया गया है, जो मिशन के पिछले चरण के 62,009 करोड़ रुपये के वित्तीय परिव्यय से 2.5 गुना ज्यादा है।

मिशन का लक्ष्‍य

  • सभी सांविधिक शहरों को कम से कम ओडीएफ प्लस बनाना।
  • 1 लाख से कम जनसंख्या वाले शहरों को ओडीएफ प्लस प्लस बनाना।
  • व्यवस्थाओं और प्रक्रियाओं को लागू करना, जिससे हर तरह के अपशिष्ट जल का सुरक्षित तरीके के साथ शोधन हो और अधिकतम उपयोग हो व किसी भी प्रकार के अशोधित अपशिष्ट जल से जल स्रोत प्रदूषित न हों।
  • सभी शहरों को कम से कम 3 स्टार गारबेज मुक्त प्रमाणन हासिल हो।

स्वच्छ भारत मिशन के मुख्य बिंदु

  1. मिशन के विभिन्न भागों का कार्यान्वयन एक व्यवस्थित और समयबद्ध तरीके से किया जाएगा, जिसमें आवश्यक इन्फ्रास्ट्रक्चर का विश्लेषण, 5 वर्षीय विस्तृत कार्य योजना और समयसीमा के साथ वार्षिक कार्य-योजनाएं शामिल हैं।
  2. यह मिशन कागज रहित, डिजिटल होगा और जीआईएस चिह्नित कचरा प्रबंधन इन्फ्रास्ट्रक्चर, मजबूत यूजर इंटरफेस, ऑनलाइन शिकायत समाधान व्यवस्था, परियोजना निर्माण से लेकर फंड जारी करने तक परियोजना की ऑनलाइन निगरानी और एकीकृत जीआईएस आधारित प्लेटफॉर्म पर परियोजना की प्रगति की निगरानी के माध्यम से पूर्ण रूप से पारदर्शिता व विश्वसनीयता के लिए डिजिटल प्रौद्योगिकी का उपयोग किया जाएगा।

टिकाऊ ठोस अपशिष्ट प्रबंधन :

  • प्रत्येक शहर में सिंगल यूज प्लास्टिक को चरणबद्ध रूप से समाप्त करने पर ध्यान केन्द्रित करते हुए, फंक्शनल मैटेरियल रिकवरी फैसिलटी (एमआरएफ) के साथ कचरे का शत-प्रतिशत स्रोत पृथक्करण।
  • राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम (एनसीएपी) वाले शहरों और 5 लाख से अधिक आबादी वाले शहरों में निर्माण और तोड़-फोड़ (सीएंडडी) अपशिष्ट प्रसंस्करण सुविधाओं की स्थापना तथा मैकेनिकल स्वीपर की तैनाती।
  • सभी पुरानी डंपसाइटों का जीर्णोद्धार, ताकि 15 करोड़ टन पुराने कचरे से ढकी 14,000 एकड़ भूमि को मुक्त किया जा सके।

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