नई दिल्ली। अंतरराष्ट्रीय रेटिंग एजेंसी मूडीज ने मोदी सरकार का मूड एक बार फिर बिगाड़ दिया है। गुरुवार को मूडीज एनालिटिक्स ने कहा है कि वह अपनी रिपोर्ट पर कायम है, जिसे बुधवार को भारत सरकार ने खारिज करते हुए कहा था कि यह एक कनिष्ठ विश्लेषक के निजी विचार हैं। मूडीज एनालिटिक्स ने पिछले हफ्ते शुक्रवार को जारी अपनी रिपोर्ट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को अपनी पार्टी के सदस्यों को नियंत्रण में रखने को कहा था, अन्यथा उनकी वैश्विक विश्वसनीयता को नुकसान पहुंच सकता है।
क्या कहना है मूडीज का
मूडीज एनालिटिक्स के एक प्रवक्ता ने ई-मेल के जरिये भेजे बयान में कहा है कि यह रिपोर्ट मूडीज एनालिटिक्स द्वारा प्रकाशित की गई है और यह आर्थिक परिदृश्य श्रृंखला का हिस्सा है। प्रवक्ता ने कहा कि रिपोर्ट के एक हिस्से में राजनीतिक घटनाक्रमों का उनके संभावित आर्थिक प्रभाव को लेकर विश्लेषण किया गया है। यह किसी राजनीतिक एजेंडा या धारणा को आगे नहीं बढ़ाता।
क्या कहा था सरकार ने
बुधवार को सरकार ने मूडीज एनालिटिक्स की हाल की रिपोर्ट को खारिज करते हुए कहा था कि वह कंपनी के एक कनिष्ठ विश्लेषक की निजी राय थी, जिसे मीडिया ने इस रूप से पेश किया मानो वह रेटिंग एजेंसी की भारत पर एक टिप्पणी है। भारत सरकार को यह देखकर बेहद अफसोस है कि मूडीज एनालिटिक्स के एक कनिष्ठ एसोसिएट अर्थशास्त्री की व्यक्तिगत राय को भारतीय मीडिया के कुछ तबकों ने गैर-जिम्मेदार और तोड़-मरोड़ कर रिपोर्टिंग की। सरकार ने आगे कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि भारतीय मीडिया का कुछ तबका मूडीज एनालिटिक्स, जो केवल एक डेटा और विश्लेषण कंपनी है तथा मूडीज इनवेस्टर सर्विस, जो रेटिंग सेवा देती है, के बीच अंतर करने में विफल रहा। यह भी आश्चर्यजनक है कि कोई जांच पड़ताल नहीं की गई और पाठकों को मूडीज एनालिटक्स तथा मूडीज इनवेस्ट सर्विस के बीच अंतर के बारे में नहीं बताया गया।