
Petrol demand returns to pre-COVID-19 levels, diesel demand still down
नई दिल्ली। देश में पेट्रोल की बिक्री में लॉकडाउन के बाद पहली बार सितंबर के पहले पखवाड़े में वृद्धि दर्ज की गई। इससे ऐसा अनुमान लगाया जा रहा है कि पेट्रोल की मांग कोरोना वायरस महामारी से पहले के स्तर पर पहुंच गई है। उद्योग जगत के प्राथमिक आंकड़ों के अनुसार, एक सितंबर से 15 सितंबर के बीच पेट्रोल की बिक्री सालाना आधार पर 2.2 प्रतिशत और पिछले महीने की तुलना में सात प्रतिशत बढ़ी है। हालांकि, डीजल की बिक्री में गिरावट जारी रही।
सितंबर महीने में यह सालाना आधार पर छह प्रतिशत और मासिक आधार पर 19.3 प्रतिशत कम रही है। यह पहली बार है जब दुनिया के तीसरे सबसे बड़े तेल आयातक देश में पेट्रोल की बिक्री में 25 मार्च से देश भर में लागू लॉकडाउन के बाद हल्की वृद्धि दर्ज की गई है। लॉकडाउन के कारण आर्थिक गतिविधियां चरमरा गईं और मांग में भारी गिरावट दर्ज की गई। आंकड़ों के अनुसार, सितंबर के पूर्वार्द्ध में पेट्रोल की बिक्री बढ़कर 9,65,000 टन हो गई, जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह 9,45,000 टन रही थी। वहीं एक माह पहले एक से 15 अगस्त 2020 के दौरान पेट्रोल की खपत 9,00,000 टन रही थी।
देश में डीजल की मांग हालांकि, इस दौरान पिछले साल के 22.5 लाख टन से कम होकर 21.3 लाख टन रही। महीने भर पहले की समान अवधि यानी अगस्त के पूर्वार्द्ध में डीजल मांग 17.8 लाख टन रही थी। उद्योग जगत के सूत्रों ने कहा कि जून से भारतीय अर्थव्यवस्था में लॉकडाउन की पाबंदियों में ढील देने की शुरुआत हुई। हालांकि, राज्यों के स्तर पर लॉकडाउन जारी रहने से पेट्रोल की मांग तेजी से नहीं बढ़ पाई। सार्वजनिक वाहनों के बजाये निजी वाहनों को तरजीह दिए जाने से पेट्रोल की मांग बढ़ी है।
इससे पहले अगस्त महीने में डीजल और पेट्रोल की मांग में तेज गिरावट देखने को मिली थी। अगस्त 2020 में डीजल और पेट्रोल की मांग सालाना आधार पर क्रमश: 21 प्रतिशत और 7.4 प्रतिशत कम हुई थी। सितंबर महीने के पहले 15 दिन में विमानन ईंधन की बिक्री साल भर पहले की तुलना में 60 प्रतिशत कम रही लेकिन पिछले महीने की तुलना में 15 प्रतिशत बढ़कर 1,25,000 टन रही। इस दौरान रसोई गैस की बिक्री साल भर पहले की तुलना में 12.5 प्रतिशत तथा महीने भर पहले की तुलना में 13.5 प्रतिशत बढ़कर 11.3 लाख टन रही। कारों की बिक्री अगस्त माह में एक साल पहले के मुकाबले 14 प्रतिशत बढ़ी है, जबकि दुपहिया वाहनों की बिक्री तीन प्रतिशत बढ़ी है।