नयी दिल्ली। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने कथित पोंजी स्कीम घोटाले में धनशोधन निवारण (मनी लॉन्ड्रिंग) जांच में करीब 300 करोड़ रुपये की संपत्ति कुर्क की है। यह मामला तेलंगाना के हीरा समूह से जुड़ा हुआ है। ईडी ने शुक्रवार को यह जानकारी दी। कई राज्यों में फैली ये संपत्तियां हीरा कंपनी समूह की प्रवर्तक नोवहेरा शेख और अन्य की हैं। ये संपत्तियां विभिन्न राज्यों में फैली हैं।
एजेंसी ने कहा कि उसने 299.99 करोड़ रुपये की संपत्ति को कुर्क करने के लिए धनशोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत अंतरिम आदेश जारी किया है। ईडी ने बयान में कहा कि जिन संपत्तियों को कुर्क किया गया है उनमें 96 अचल संपत्तियां हैं। जिनका मूल्य 277.29 करोड़ रुपये है। ये संपत्तियां तेलंगाना, केरल, महाराष्ट्र, दिल्ली और आंध्र प्रदेश में हैं। इसमें कृषि भूमि, वाणिज्यिक भूखंड, आवासीय इमारतें, वाणिज्यिक परिसर शामिल हैं। इसके अलावा बैंक खातों में रखे 22.69 करोड़ रुपये भी कुर्क किए गए हैं।
यह मामला हैदराबाद में हीरा समूह की ओर से चलाई गई धोखाधड़ी वाली मनी सर्कुलेशन स्कीम से जुड़ा है। ईडी ने तेलंगाना पुलिस और कुछ अन्य की शिकायतों के आधार पर धन शोधन का मामला दर्ज किया है। जांच एजेंसी ने कहा कि समूह ने मासिक तीन प्रतिशत या सालाना 36 प्रतिशत के रिटर्न का झूठा वादा करके देशभर में करीब 1,72,000 निवेशकों से लगभग 5,600 करोड़ रुपये जुटाए।
शेख ने कई योजनाओं पेश कीं और पीड़ितों को लुभाने के लिए विशेष रूप से इसका विज्ञापन भी दिया। प्रवर्तन निदेशालय ने कहा कि शेख ने हीरा समूह के तहत 24 कंपनियां या इकाइयां शुरू की और इन दो दर्जन इकाइयों के नाम पर देश के विभिन्न हिस्सों में 182 बैंक खाते खोले। ईडी ने कहा कि समूह की कंपनियों की कोई ऐसी कारोबारी गतिविधियां नहीं है जिसके द्वारा वह उच्च रिटर्न का वादा पूरा कर सके। शेख और अन्य लोगों ने लोगों से जुटाई गई रकम कंपनी के खातों के माध्यम से अपने निजी खातों में डाला और इन पैसों का इस्तेमाल भारी मात्रा में चल और अचल संपत्ति खरीदने में किया गया।