Monday, December 16, 2024
Advertisement
  1. Hindi News
  2. पैसा
  3. बिज़नेस
  4. रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा, विदेशी संकेतों से तय होगी अगले हफ्ते शेयर बाजारों की दिशा

रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा, विदेशी संकेतों से तय होगी अगले हफ्ते शेयर बाजारों की दिशा

आठ अक्टूबर को रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा का ऐलान होगा वहीं टीसीएस के दूसरी तिमाही के नतीजे भी आएंगे। सप्ताह के दौरान सेवा पीएमआई के आंकड़े भी आने हैं।

Edited by: India TV Paisa Desk
Updated : October 03, 2021 14:13 IST
रिजर्व बैंक की...- India TV Paisa
Photo:PTI

रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा पर बाजार की नजर

नई दिल्ली। रिजर्व बैंक के ब्याज दर पर निर्णय, वृहद आर्थिक आंकड़ों तथा विदेशी बाजारों के संकेतों से इस सप्ताह शेयर बाजारों की दिशा तय होगी। बाजार के जानकारों ने यह राय जताते हुए कहा कि जोरदार तेजी के बाद अब बाजार में ‘करेक्शन’ के संकेत दिख रहे हैं। इसके अलावा निवेशकों की निगाह रुपये के उतार-चढ़ाव तथा अमेरिका में बांड यील्ड पर भी रहेगी। स्वस्तिका इन्वेस्टमार्ट के शोध प्रमुख संतोष मीणा ने कहा, ‘‘आगे की दिशा के लिए बाजार की निगाह विदेशों से मिलने वाले आंकड़ों पर रहेगी। घरेलू मोर्चे पर बहुत अधिक नकारात्मक संकेतक नहीं हैं, लेकिन आगामी मौद्रिक समीक्षा में रिजर्व बैंक के गवर्नर की मुद्रास्फीति पर आठ अक्टूबर की टिप्पणी काफी महत्वपूर्ण रहेगी।’’ मीणा ने कहा कि आठ अक्टूबर को टीसीएस के दूसरी तिमाही के नतीजे भी आने हैं। उन्होंने कहा कि डॉलर इंडेक्स का उतार-चढ़ाव और अमेरिकी बांड पर प्रतिफल की वैश्विक बाजारों की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका रहेगी। वहीं कच्चे तेल की कीमतों का भारतीय बाजारों पर व्यापक प्रभाव रहेगा। 

जियोजीत फाइनेंशियल सर्विसेज के शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि इस सप्ताह रिजर्व बैंक की मौद्रिक समीक्षा आनी है। सप्ताह के दौरान सेवा पीएमआई के आंकड़े भी आने हैं। बीएसई का 30 शेयरों वाला सेंसेक्स बीते सप्ताह 1,282.89 अंक या 2.13 प्रतिशत नीचे आया। शुक्रवार को बाजार में लगातार चौथे कारोबारी सत्र में गिरावट आई। इसके अलावा बाजार का रुख रुपये के उतार-चढ़ाव, ब्रेंट कच्चे तेल के दाम तथा एफपीआई के निवेश से भी तय होगा। जूलियस बेयर इंडिया के प्रबंध निदेशक वरिष्ठ सलाहकार उन्मेश कुलकर्णी ने कहा कि अमेरिकी बाजारों में सितंबर का करेक्शन कुछ जोखिमों को दर्शाता है। मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी, तेल और कमोडिटी कीमतों में वृद्धि तथा ब्याज दरें बढ़ने से बीच-बीच में निवेशकों के सेंटीमेंट्स प्रभावित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि फेडरल रिजर्व द्वारा अपने नरम रुख को वापस लेने की संभावना और चीन के हालिया घटनाक्रमों से भी निवेशक प्रभावित हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि शेयर बाजारों में किसी अर्थपूर्ण करेक्शन से यह दीर्घावधि के निवेशकों को बाजार में प्रवेश का अवसर भी प्रदान करेगा। 

यह भी पढ़ें: Petrol Diesel Price: पेट्रोल और डीजल में आज भी बढ़त, जानिये आपके शहर में कहां पहुंची कीमतें

यह भी पढ़ें: बीते हफ्ते शेयर बाजार में निवेशकों को तगड़ा नुकसान, 8 कंपनियों में डूबे 1.8 लाख करोड़ रुपये

 

Latest Business News

India TV पर हिंदी में ब्रेकिंग न्यूज़ Hindi News देश-विदेश की ताजा खबर, लाइव न्यूज अपडेट और स्‍पेशल स्‍टोरी पढ़ें और अपने आप को रखें अप-टू-डेट। Business News in Hindi के लिए क्लिक करें पैसा सेक्‍शन

Advertisement
Advertisement
Advertisement