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Bad year for Investors: 2015 में निवेशकों पर दोहरी मार, सोना और सेंसेक्स ने दिया 6% निगेटिव रिटर्न

निवेशकों को 2015 में दोहरा झटका लगा है। शेयर और सोना दोनों ने ही निवेशकों को निराश किया। इस साल सोना और सेंसेक्स ने दिया 6% निगेटिव रिटर्न दिया है।

Dharmender Chaudhary Dharmender Chaudhary
Published on: December 28, 2015 11:06 IST
Bad year for Investors: 2015 में निवेशकों पर दोहरी मार, सोना और सेंसेक्स ने दिया 6% निगेटिव रिटर्न- India TV Paisa
Bad year for Investors: 2015 में निवेशकों पर दोहरी मार, सोना और सेंसेक्स ने दिया 6% निगेटिव रिटर्न

नई दिल्ली। निवेशकों को 2015 में दोहरा झटका लगा है। शेयर और सोना दोनों ने ही निवेशकों को निराश किया। वर्ष के दौरान निवेशकों को इनमें निवेश से रिटर्न नहीं मिला। ग्लोबल बाजारों से निकली नकारात्मक हवा से घरेलू मोर्चे पर बनने वाले सकारात्मक धारणा का असर समाप्त होता गया। हालांकि, कुछ मिडकैप और स्मॉलकैप शेयर इस स्थिति में भी अच्छा प्रदर्शन करने में कामयाब रहे, लेकिन कुल मिलाकर सेंसेक्स का प्रदर्शन निराशाजनक रहा। वहीं सोने में निवेश करने वालों को इस साल करीब 6 फीसदी का नुकसान उठाना पड़ा है।

सेंसेक्स 1650 अंक टूटा, सोना 6 फीसदी सस्ता हुआ सोना

इस साल सेंसेक्स अभी तक 1,650 अंक या छह प्रतिशत टूटा है। कारोबार के अब सिर्फ चार दिन बचे हैं, ऐसे में सेंसेक्स के परिदृश्य में अधिक बदलाव की गुंजाइश नहीं है। सेंसेक्स सितंबर में एक साल के निचले स्तर 24,833.54 अंक पर आ गया। मार्च में सेंसेक्स एक समय 30,000 अंक से ऊपर पहुंच गया था। इसे देखते हुए यह गिरावट और बड़ी दिखती है। निवेशकों की चिंता इसलिए भी अधिक बढ़ गई क्योंकि सोने और चांदी की कीमतों में भी इस साल क्रमश: 5.84 फीसदी और 7.83 फीसदी की गिरावट आई। जुलाई में सोने का भाव 25,000 से नीचे 24,590 रुपए प्रति दस ग्राम के 2011 के बाद के निचले स्तर पर आ गया।

मजबूत अर्थव्यवस्था पर विदेशी संकेत भारी

प्रभुदास लीलाधर के संस्थागत इक्विटीज प्रमुख आर श्रीशंकर ने कहा, घरेलू निवेशकों की धारणा 2015 में सकारात्मक रही। लेकिन विदेशी पोर्टफोलियो निवेशकों (एफपीआई) की धारणा से परिदृश्य प्रभावित हुआ। विशेषरूप से पिछले आठ माह में उभरते बाजारों की चिंता में एफपीआई ने 28,356 करोड़ रुपये की बिकवाली की। एफपीआई के बिकवाली दबाव से शेयरों पर दबाव रहा। वर्ष 2014 में शेयर बाजारों ने लगातार तीसरे साल निवेशकों को सोने और चांदी से अधिक रिटर्न दिया था। बाजार विश्लेषकों का कहना है कि वैश्विक स्तर पर जिंस कीमतों में गिरावट तथा कमजोर मांग ने निवेशकों की धारणा पर असर डाला।

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