नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने बुधवार को भारत में क्रिप्टोकरंसी के कारोबार को वैध ठहराते हुए इस पर लगे प्रतिबंध को समाप्त करने का आदेश दिया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में क्रिप्टोकरंसी कारोबार को वैध बताया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में वर्चुअल करंसी, क्रिप्टोकरंसी और बिटकॉइन पर लगे प्रतिबंध को भी समाप्त करने का आदेश दिया है। बिटकॉइन, दुनिया की सबसे मूल्यवान क्रिप्टोकरंसी है, जो 0.39 प्रतिशत की गिरावट के साथ 8,815 डॉलर पर आ गई। बिटकॉइन का मार्केट कैप 161 अरब डॉलर है।
भारतीय रिजर्व बैंक ने 6 अप्रैल, 2018 को एक सर्कुलर जारी कर भारत में क्रिप्टोकरंसी के लेनदेन पर प्रतिबंध लगा दिया था। केंद्रीय बैंक ने सभी इकाईयों को निर्देश दिया था कि वे वर्चुअल करंसी में कारोबार न करें और न ही किसी व्यक्ति या इकाई को ऐसे कारोबार करने की सुविधा प्रदान करें। नियमित संस्थाएं जो पहले से ऐसी सेवाएं उपलब्ध करवा रही थीं, उन्हें तीन माह के भीतर ऐसे कारोबार से बाहर निकलने का समय दिया गया था।
आरबीआई ने अपने पूर्व में जारी सर्कुलर बिटकॉइन सहित वर्चुअल करंसी के यूजर्स, होल्डर्स और ट्रेडर्स को इससे जुड़े जोखिम के बारे में चेतावनी दी थी। 6 अप्रैल, 2018 को जारी इस सर्कुलर को बाद में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई थी।
विभिन्न क्रिप्टोकरंसी एक्सचेंज का प्रतिनिधित्व करने वाले इंटरनेट एंड मोबाइल एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने तर्क दिया था कि कानून की अनुपस्थिति में क्रिप्टोकरंसी में लेनदेन पर प्रतिबंध लगाना संविधान के तहत एक वैध व्यावसाय को रोकने जैसा है। उसने कहा कि आरबीआई इस तरह के बिजनेस को चलाने के लिए बैंकिंग चैनल की सुविधा देने से इनकार नहीं कर सकता है।