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एयर इंडिया खरीदने के लिए टाटा संस समेत कई कंपनियों ने दिखाई रुचि

घाटे में चल रही सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया के अधिग्रहण के लिये नमक से लेकर साफ्टवेयर क्षेत्र में काम करने वाले टाटा समूह के अलावा कई कंपनियों ने प्रारंभिक बोलियां लगायी हैं।

IndiaTV Hindi Desk Edited by: IndiaTV Hindi Desk
Published on: December 14, 2020 21:30 IST
एयर इंडिया खरीदने के लिए टाटा संस समेत कई कंपनियों ने दिखाई रुचि- India TV Paisa
Photo:PTI

एयर इंडिया खरीदने के लिए टाटा संस समेत कई कंपनियों ने दिखाई रुचि

नई दिल्ली: घाटे में चल रही सरकारी एयरलाइन एयर इंडिया के अधिग्रहण के लिये नमक से लेकर साफ्टवेयर क्षेत्र में काम करने वाले टाटा समूह के अलावा कई कंपनियों ने प्रारंभिक बोलियां लगाई हैं। एयर इंडिया के 219 कर्मचारियों के समूह ने सोमवार को समय सीमा समाप्त होने से पहले इंटरअप्स के साथ मिलकर एयरलाइन के अधिग्रहण में अपनी रुचि का आशय पत्र सौंप दिया। वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले निवेश और लोक परिसंपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहीन कांत पांडे ने ट्विटर पर लिखा है, ‘‘एयर इंडिया के रणनीतिक विनिवेश के लिये कई रूचि पत्र मिले हैं। एयरलाइन की विनिवेश प्रक्रिया अब दूसरे चरण में जाएगी।’’ 

हालांकि, उन्होंने एयर इंडिया अधिग्रहण के लिये बोली लगाने वालों के नाम और संख्या उजागर नहीं की। सूत्रों के अनुसार टाटा समूह की होल्डिंग कंपनी टाटा संस ने सोमवार को समय सीमा समाप्त होने से पहले रूचि पत्र जमा कर दिया। इंटरअप्स ने भी बोली लगायी है। इंटरअप्स के चेयरमैन लक्ष्मी प्रसाद ने विनिवेश प्रक्रिया शुरू होने के साथ एयर इंडिया के लिये बोली लगाने का इरादा साफ कर दिया था। हालांकि, यह अभी पता नहीं चल पाया है कि टाटा ने अकेले ही या अन्य के साथ मिलकर बोली लगायी है। बोली के तहत एयर इंडिया के 219 कर्मचारियों की 51 प्रतिशत जबकि शेष 49 प्रतिशत हिस्सेदारी इंटरअप्स के पास होगी। 

एयरलाइन के 219 कर्मचारियों में से प्रत्येक कम-से-कम एक-एक लाख रुपये का योगदान कर रहे हैं। एक अधिकारी ने कहा कि सौदा सलाहकार छह जनवरी से पहले उन बोलीदाताओं को सूचित करेंगे, जिनकी बोलियां पात्र पायी जायेंगी। उसके बाद, पात्र बोली लगाने वालों से वित्तीय बोलियां जमा करने को कहा जाएगा। सरकार एयर इंडिया में पूरी 100 प्रतिशत हिस्सेदारी बेच रही है। कंपनी 2007 में घरेलू परिचालक इंडियन एयरलाइंस के विलय के बाद से नुकसान में है। इसके साथ ही एयर इंडिया एक्सप्रेस को भी खरीदार के हवाले किया जायेगा। 

एआईएसएटीएस में भी एयर इंडिया की 50 प्रतिशत हिस्सेदारी अधिग्रहण करने वाली कंपनी को मिलेगी। यह इकाई देश के प्रमुख हवउईअड्डों पर माल एवं जमीनी रखरखाव सेवायें देती है। इससे पहले, 2017 से जारी विनिवेश प्रक्रिया को लेकर निवेशकों ने कोई रूचि नहीं दिखायी थी। इस बार सरकार ने सौदे को थोड़ा आकर्षक बनाया है। इसमें संभावित बोलीदाताओं को यह निर्णय करने का अधिकार होगा कि वे एयरलाइन का कितना कर्ज सौदे के तहत लेना चाहते हैं। इससे पहले, बोलीदाताओं को पूरा 60,074 करोड़ रुपये का कर्ज अपने ऊपर लेने को कहा गया था। 

टाटा फिलहाल दो एयरलाइन का पहले से ही रिचालन कर रही है। वह सिंगापुर एयरलाइंस के साथ मिलकर विस्तार का परिचालन कर रही है। साथ ही सस्ती दर पर सेवा देने वाली एयर एशिया इंडिया का भी मलेशिया के एयर एशिया समूह के साथ मिलकर परिचालन कर रही है। सरकार ने चालू वित्त वर्ष के दौरान विनिवेश कार्यों से 2.10 लाख करोड़ रुपये जुटाने का बजट में प्रावधान किया है। एयर इंडिया का विनिवेश भी इसी का हिस्सा है। इसमें 1.20 लाख करोड़ रुपये सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में हिस्सेदारी की बिक्री के जरिये और करीब 90 हजार करोड़ रुपये सरकारी बैंकों और वित्तीय संस्थानों में शेयर बिक्री के जरिये जुटाने की उम्मीद की जा रहा है। चालू वित्त वर्ष के दौरान अब तक केन्द्रीयउपक्रमों में शेयर बिक्री के जरिये सरकार ने 6,138 करोड़ रुपये ही जुटाये हैं।

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