Why TCS Share Fall : टीसीएस के शेयर का 52 वीक हाई 4,254.45 रुपये है। वहीं, 52 वीक लो लेवल 3070.30 रुपये है। कंपनी का मार्केट कैप बीएसई पर 14,54,832.99 करोड़ रुपये देखने को मिला।
चंद्रशेखरन ने कहा कि टाटा ग्रुप दो महीने में साणंद में लिथियम आयन बैटरी बनाने के लिए 20 गीगावॉट की गीगाफैक्टरी भी शुरू करने वाला है।
Tata Technologies प्रोडक्ट इंजीनियरिंग और डिजिटल सेवाओं में विशेषज्ञता रखती है, जो ऑटोमोटिव, औद्योगिक भारी मशीनरी और एयरोस्पेस सहित उद्योगों को सेवा प्रदान करती है।
टाटा समूह के पास जाने के बाद अब पूर्व में सरकारी एयरलाइंस रही एयर इंडिया अपने पंख फैलाने लगी है। कंपन चीन के डेवलपमेंट बैंक से 6 एयरबस ए320 नियो विमान पट्टे पर लेने जा रही है।
टाटा संस ने एक बयान में कहा कि उसके निदेशक मंडल की शुक्रवार को बैठक हुई जिसमें बीते पांच साल की समीक्षा की गई और इसके कार्यकारी चेयरमैन एन चंद्रशेखरन की पुन: नियुक्ति पर विचार किया गया।
टाटा ग्रुप की पहली कोशिश होगी कि एयर इंडिया की फ्लाइट का संचालन समय पर हो। इसके अलावा भी कई अन्य बदलावों पर विचार किया जा रहा है।
कैग ने रिपोर्ट में कहा है कि एयर इंडिया को अनुबंध की शर्तों का पालन नहीं करने पर विमान निर्माता कंपनी बोइंग को 43.85 करोड़ रुपये का जुर्माना देना पड़ा
पिछले महीने के अंत में केंद्र सरकार ने एयर इंडिया को 18,000 करोड़ रुपये में टाटा संस के हाथों बेचने के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए थे।
2003-04 के बाद यह पहला निजीकरण होगा, एयर इंडिया टाटा के पोर्टफोलियो में तीसरा एयरलाइन ब्रांड होगा। एयर एशिया इंडिया और विस्तारा में टाटा की अधिकांश हिस्सेदारी है।
एयर इंडिया को टाटा को सौंपने से पहले, सरकार बाकी चार महीने की अवधि (सितंबर-दिसंबर) के लिए एयर इंडिया के बहीखातों पर काम करेगी और जो भी देनदारियां बचेगीं, उन्हें एआईएएचएल को स्थानांतरित कर दिया जाएगा।
रतन टाटा के मुताबिक टाटा समूह का एयर इंडिया के लिये बोली जीतना बड़ी खबर है, और यह टाटा समूह के विमानन उद्योग में मौजूदगी को यह मजबूत व्यवसायिक अवसर उपलब्ध कराएगी
68 साल बाद एक बार फिर से टाटा ग्रुप, एयर इंडिया का मालिक बन गया है। भारत की सरकारी एयरलाइन कंपनी एअर इंडिया (Air India) की शुरुआत 88 साल पहले टाटा ग्रुप के चेयरमेन 'जहांगीर रतनजी ददभोय टाटा' (JRD Tata) ने की थी और आज एक बार फिर से 88 साल पुराना इतिहास दोहराया गया है।
जहांगीर रतनजी दादाभाई (जेआरडी) टाटा ने 1932 में एयरलाइन की स्थापना की थी। उस समय इस विमानन कंपनी को टाटा एयरलाइंस कहा जाता था।
जहांगीर रतनजी दादाभाई (जेआरडी) टाटा ने 1932 में एयरलाइन की स्थापना की थी। तब इसे टाटा एयरलाइंस कहा जाता था।
बेशक बोलियां आमंत्रित की गई थीं और इनका मूल्यांकन अधिकारियों द्वारा और नियत समय में किया जाता है।
टाटा समूह ने अक्टूबर, 1932 में टाटा एयरलाइंस के नाम से एयर इंडिया का गठन किया था। सरकार ने 1953 में एयरलाइन का राष्ट्रीयकरण कर दिया।
चंद्रशेखरन ने कहा कि इस तरह का कोई भी फैसला बोर्ड की नामांकन और पारिश्रमिक समिति द्वारा लिया जाता है। उन्होंने कहा, "ऐसा कोई भी फैसला, अगर जरूरी हो, नामांकन और पारिश्रमिक समिति द्वारा लिया जाता है।
एयरलाइन पर 31 मार्च, 2019 तक कुल 60,074 करोड़ रुपये का ऋण बकाया है। खरीदार को 23,286.5 करोड़ का ऋण अपने ऊपर लेना होगा।
समीक्षाधीन तिमाही में कंपनी का राजस्व 14.6 प्रतिशत (स्थिर मुद्रा में 12 प्रतिशत) बढ़कर 4.6 अरब अमेरिकी डॉलर हो गया, जो एक साल पहले इसी अवधि में चार अरब अमेरिकी डॉलर था।
टॉप-50 दानदाताओं की इस लिस्ट में एक और अन्य भारतीय शामिल है, जिनका नाम अजीम प्रेमजी है। वह विप्रो के मानद चेयरमैन हैं।
लेटेस्ट न्यूज़