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उप्र में लागू होगी निर्यात नीति 2020-25, किसानों की आय दोगुना और कृषि उत्‍पादों का निर्यात बढ़ाने की है योजना

इस नीति का उद्देश्य निर्यात के क्षेत्र में विकास और प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना और निर्यात इकाईयों, संगठनों को आवश्यक निर्यात-संबंधी सहायता और सेवा उपलब्ध कराना एवं राज्य से निर्यात को बढ़ाने के लिए तकनीकी और भौतिक इंफ्रास्ट्रक्चर का विकास करना है।

India TV Paisa Desk Edited by: India TV Paisa Desk
Published on: November 26, 2020 10:47 IST
UP export policy aims doubling farmer income, boosting agri-product shipments- India TV Paisa
Photo:FILE PHOTO

UP export policy aims doubling farmer income, boosting agri-product shipments

लखनऊ। मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ की अध्‍यक्षता में बुधवार को हुई राज्‍य मंत्रीमंडल की बैठक में उत्‍तर प्रदेश निर्यात नीति 2020-25 को लागू करने को मंजूरी दी गई। इस नीति का लक्ष्‍य किसानों की आय दोगुना करना और कृषि क्षेत्र से निर्यात को बढ़ावा देना है। इस नई नीति के जरिये मेक इन यूपी और मेक इन इंडिया ब्रांड्स के विकास और प्रोत्‍साहन को बढ़ावा दिया जाएगा। राज्‍य के एमएसएमई मंत्री और राज्‍य सरकार के प्रवक्‍ता सिद्धार्थ नाथ सिंह ने कहा कि यह पहली बार इतनी विस्तृत निर्यात नीति को लागू किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि नीति का उद्देश्य निर्यात के क्षेत्र में विकास एवं प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा देना, निर्यात सहायक संस्थाओं को निर्यात संबंधी आवश्यक सहायता व सेवा प्रदान करना है।

उप्र निर्यात नीति 2020-25 के प्रमुख क्षेत्रों में हैंडीक्राफ्ट्स, कृषि और प्रसंस्‍कृत खाद्य उत्‍पाद, इंजीनियरिंग उत्‍पाद, हैंडलूम और टेक्‍सटाइल, लेदर उत्‍पाद, कापरेट और रग्‍स, कांच और सेरामिक उत्‍पाद, लकड़ी के उत्‍पाद, स्‍पोर्ट्स गुड्स, रक्षा उपकरण, सर्विस सेक्‍टर, शिक्षा, पर्यटन, आईटी और आईटीईएस, मेडिकल वैल्‍यू ट्रैवल्‍स एंड लॉजिस्टिक श‍ामिल हैं।

आधिकारिक बयान में कहा गया है कि इस नीति का उद्देश्‍य निर्यात के क्षेत्र में विकास और प्रतिस्‍पर्धा को बढ़ावा देना और निर्यात इकाईयों, संगठनों को आवश्‍यक निर्यात-संबंधी सहायता और सेवा उपलब्‍ध कराना एवं राज्‍य से निर्यात को बढ़ाने के लिए तकनीकी और भौतिक इंफ्रास्‍ट्रक्‍चर का विकास करना है। निर्यात संबंधी अनुपालन को आसान और तेज बनाने के लिए एक सिंगल विंडो सिस्‍टम की भी शुरुआत की जाएगी।

सिंगल विंडो सिस्‍टम के जरिये निर्यातकों की समस्‍याओं को सुना जाएगा, मेक इन यूपी और मेक इन इंडिया ब्रांड्स के विकास और प्रोत्‍साहन को बढ़ावा दिया जाएगा और निर्यात योग्‍य उत्‍पादों के लिए जीआई रजिस्‍ट्रेशन प्रदान किए जाएंगे। इस नीति में प्रत्‍येक तिमाही में जिला निर्यात बंधु बैठक आयोजित करने का भी प्रावधान किया गया है।

निर्यात नीति के अंतर्गत पात्र इकाइयों को प्रदान की जाने वाली सुविधाओं तथा अन्य आनुषांगिक क्रिया-कलापों पर होने वाला व्यय बजट में प्राविधानित धनराशि की सीमा के अंतर्गत रखा जाएगा। प्रदेश के हर जिले में क्लस्टर आधारित विशेष आर्थिक परिक्षेत्र में विकसित की जाने वाली अवस्थापना सुविधाओं का विकास कार्य उप्र निर्यात अवस्थापना विकास योजना के लिए प्राविधानित धनराशि से वित्त पोषित किया जाएगा। नई नीति के तहत, जानवरों की बिक्री और खरीद के लिए एक ई-हाट पोर्टल की शुरुआत की जाएगी।

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