देश में डिजिटल लोन में लोगों का रुझान काफी तेज हो गया है। लेटेस्ट आंकड़े इसके गवाह हैं। डिजिटल लोन देने वाली 37 सदस्य इकाइयों ने वित्त वर्ष 2023-24 में 1.46 लाख करोड़ रुपये के कर्ज दिए और इसमें सालाना आधार पर 49 प्रतिशत की बढ़ोतरी दर्ज की गई है। डिजिटल लोन को लेकर व्यापक चिंताओं के बीच उद्योग निकाय फिनटेक एसोसिएशन फॉर कंज्यूमर एम्पावरमेंट (एफएसीई) ने बीते मंगलवार को यह जानकारी दी। भाषा की खबर के मुताबिक, ये सभी 37 इकाइयां एफएसीई की सदस्य हैं।
2023-24 में दिए गए लोन की संख्या 10 करोड़ से अधिक
खबर के मुताबिक, एफएसीई के मुताबिक, वित्त वर्ष 2023-24 में दिए गए लोन की संख्या 35 प्रतिशत बढ़कर 10 करोड़ से अधिक हो गई। गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक ने डिजिटल ऋणदाताओं के कुछ व्यवहार पर चिंता जताई है और उनके संचालन के लिए दिशानिर्देश का ड्राफ्ट भी तैयार किया है। एफएसीई के मुख्य कार्यकारी सुगंध सक्सेना ने बयान में कहा कि डिजिटल लोन सेक्टर ग्राहकों पर ध्यान देते हुए अनुपालन, जोखिम प्रबंधन और टिकाऊ व्यापार मॉडल के आधार पर जिम्मेदारी से आगे बढ़ रहा है।
70 प्रतिशत लोन 28 कंपनियों ने जारी किया
उद्योग निकाय के आंकड़ों के मुताबिक, मार्च तिमाही में इन कंपनियों ने कुल 40,322 करोड़ रुपये के 2.69 करोड़ ऋण जारी किए। निकाय ने कहा कि 70 प्रतिशत लोन 28 कंपनियों ने जारी किया, जो गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (एनबीएफसी) के रूप में रजिस्टर्ड हैं या जिनके पास अपने एनबीएफसी है। भारत में डिजिटल लोन यानी ऑनलाइन प्लेटफॉर्म और डिजिटल चैनलों के जरिये लोन उपलब्ध कराना है। इसमें पारंपरिक और भौतिक संस्थाओं को दरकिनार करते हुए अप्लाई करने से लेकर डिस्ट्रीब्यूशन तक लोन देने की प्रक्रिया को सरल बनाने के लिए मोबाइल ऐप, वेबसाइट और डेटा एनालिटिक्स जैसी तकनीक का उपयोग किया जाता है। डिजिटल लोन पर ब्याज दर बाकी पारंपरिक बैंकों या वित्तीय संस्थानों के मुकाबले हालांकि थोड़ा ज्यादा रहता है।