मोदी सरकार ने ऑपरेशन कैपेबिलिटी को बढ़ाने के लिए सार्वजनिक क्षेत्र के भारतीय खाद्य निगम (एफसीआई) की अधिकृत पूंजी (authorised capital) 10,000 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 21,000 करोड़ रुपये कर दी है। खाद्य मंत्रालय ने शनिवार को यह जानकारी दी। एफसीआई केंद्र सरकार की नोडल एजेंसी है जो किसानों के हितों की रक्षा के लिए न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खाद्यान्न की खरीद करता है। यह रणनीतिक भंडारण भी बनाए रखता है और विभिन्न कल्याणकारी योजनाओं के तहत अनाज वितरित करता है। माना जा रहा है कि सरकार के इस कदम से देशभर के किसानों को फायदा मिलेगा। एफसीआई बड़े पैपाने पर देशभर से पैदावारों की खरीद करने में सक्षम होगा।
इस तरह मिलेगा फायदा
मंत्रालय ने बयान में कहा कि अधिकृत पूंजी में वृद्धि अपने अधिदेश को प्रभावी ढंग से पूरा करने में एफसीआई की परिचालन क्षमताओं को बढ़ाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।” इसमें कहा गया कि एफसीआई कोष की जरूरत को पूरा करने के लिए नकद ऋण, अल्पकालिक ऋण, अर्थोपाय आदि का सहारा लेता है। अधिकृत पूंजी में वृद्धि से ब्याज का बोझ कम होगा, आर्थिक लागत कम होगी और अंततः सरकारी सब्सिडी पर सकारात्मक प्रभाव पड़ेगा।
स्टोरेज समेत ये काम करना होगा आसान
कैपिटल के इस प्रवाह के साथ एफसीआई अपनी स्टोरेज यूनिट के आधुनिकीकरण, परिवहन नेटवर्क में सुधार और उन्नत प्रौद्योगिकियों को अपनाने पर भी काम करेगा। मंत्रालय द्वारा जारी बयान में कहा गया है कि ये उपाय फसल के बाद के नुकसान को कम करने और उपभोक्ताओं को खाद्यान्न के कुशल वितरण के लिए जरूरी हैं।