पाकिस्तान और आईएमएफ के बीच देश में वेतनभोगी और गैर-वेतनभोगी व्यक्तियों के लिए नयी आयकर दरों तथा कृषि और स्वास्थ्य क्षेत्र की वस्तुओं पर 18 प्रतिशत बिक्री कर लगाने को लेकर सहमति नहीं बन सकी है। एक मीडिया रिपोर्ट में रविवार को बताया गया कि इस वजह से दोनों पक्षों के बीच वार्ता बिना किसी नतीजे के खत्म हो गई। पाकिस्तान और अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) के अधिकारियों ने कराधान और ऊर्जा क्षेत्र से संबंधित लंबित मुद्दों पर शुक्रवार को चर्चा की। एक्सप्रेस ट्रिब्यून अखबार ने सूत्रों का हवाला देते हुए बताया कि दोनों पक्ष आयकर सीमा, वेतनभोगी और गैर-वेतनभोगी दरों के विलय और व्यक्तियों के लिए अधिकतम आयकर दर पर अपने मतभेदों को हल नहीं कर सके।
45 प्रतिशत की दर से टैक्स वसूलने की तैयारी
सूत्रों ने बताया कि इस बात पर चर्चा चल रही है कि ऐसे वेतनभोगी और गैर-वेतनभोगी व्यक्ति, जिनकी मासिक आय 4,67,000 पाकिस्तानी रुपये से थोड़ी अधिक है, उनसे 45 प्रतिशत की नयी भारी-भरकम आयकर दर वसूली जाए या नहीं। इस समय पांच लाख पाकिस्तानी रुपये से अधिक की मासिक आय पर 35 प्रतिशत की अधिकतम दर लागू है। दोनों पक्ष हालांकि अगले बजट में निर्यातकों पर आयकर बढ़ाने के मुद्दे पर एकमत हैं, जिन्होंने इस साल मात्र 86 अरब पाकिस्तानी रुपये का भुगतान किया है।
पेंशन पर भी कर लगाने की बात
पाकिस्तान ने एक निश्चित आय सीमा से अधिक पेंशन पर भी कर लगाने की इच्छा दिखाई है। सरकार के कर योग्य आय की वार्षिक सीमा को बढ़ाकर नौ लाख पाकिस्तानी रुपये करने के प्रस्ताव पर आईएमएफ ने अधिकतम आयकर दर को 35 प्रतिशत से बढ़ाकर 45 प्रतिशत करने की मांग की है।